श्रीगुरु पवन सिन्हा ।
दिवाली का पर्व केवल पैसे पाने का पर्व ही नहीं है वरन सुख पाने के लिए विशेष प्रयत्न करने का भी दिन है। इस दिन आध्यात्मिक उन्नति पाने का प्रयास भी करना चहिये।
सुख समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी का पूजन प्रदोष काल (संध्या) में करना चाहिए। लक्ष्मी उपासना का यही मुख्य समय माना गया है।
माता लक्ष्मी का पूजन पूर्वाभिमुख होकर करना चाहिए।
पूजन के समय सपरिवार माता की आराधना करें।
दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजन कभी भी नहीं करना चाहिए।
जीवन में उन्नति के लिए अच्छा अवसर
दिवाली जीवन में उन्नति पाने के लिए एक अच्छा अवसर माना जाता है। दिवाली की रात को कालरात्रि माना जाता है। तंत्रशास्त्र व ज्योतिष के अनुसार इस दिन की गई पूजा बहुत अद्भुत लाभ देगी बशर्ते पूजा सही तरीके और सही समय पर की जाए।
इस दिवाली पूजा के द्वारा न केवल बुरे ग्रह शांत किए जा सकते हैं बल्कि धन, स्वास्थ्य तथा परिवार की शांति भी प्राप्त की जा सकती है। छोटे छोटे उपाय करना भी बहुत लाभ दे सकता है। इस दिवाली सिद्ध की गई छोटी छोटी वस्तुएँ आपके वर्ष भर काम आयेंगी। ये वस्तुएँ ना केवल आपको संपन्नता दिलाएँगी वरन आपके परिवार के सभी लोगों को नज़र, टोने-टोटकों, दुर्घटनाओं तथा अकाल मृत्यु से भी बचायेंगी।
खास पूजा करेगी पूरे परिवार का भला
तो तैयार रहें इस दिवाली की रात को कुछ खास पूजाओं के लिए जो करेंगी आपके पूरे परिवार का भला।
दिवाली पर सबसे पहला भोग गणपति जी को, दूसरा लक्ष्मी जी, तीसरा कुल देवी या देवता को, चौथा इष्ट को, पांचवा पितृ को, छठा गुरु को या मंदिर को और सातवाँ माता-पिता को दें।
इस दिन आम या पीपल की वंदनवार द्वार पर बांधे।
दीवार पर स्वास्तिक का चिह्न ज़रूर बनायें। उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम इन चारों दिशाओं को दर्शाती स्वास्तिक की चार भुजाएं, ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास आश्रमों का प्रतीक मानी गई हैं। यह चिह्न केसर, हल्दी, या सिंदूर से बनाया जाता है।
लक्ष्मी पूजन की थाली में कौड़ी अवश्य रखें।
कौड़ी को एक थाल में रखकर ‘ओम् श्रीम नमः’ के 1008 जप करें इसे रात में करें। फिर इसे तिजौरी में रखने से लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है। इसे जिसको हीलिंग देनी हो उसके चित्र पर रख देने से बहुत फायदा होता है।
लक्ष्मी पूजन की सजी थाली में कौड़ी रखने की प्राचीन परंपरा है, क्योंकि यह धन और श्री का पर्याय है। कौड़ी को तिजौरी में रखने से लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है।
दीपावली के दिन पूजन में गन्ना या गन्ने के रस को अवश्य रखना चाहिए।
दीपावली के पूजन में ज्वार अवश्य रखने चाहिए।
घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनायें। लक्ष्मी पूजन के स्थान तथा प्रवेश द्वार व आंगन में रंगों के संयोजन के द्वारा धार्मिक चिह्न- कमल, स्वास्तिक कलश, फूलपत्ती आदि अंकित कर रंगोली बनाई जाती है।
दीपावली की रात मुख्य दरवाजे 11 दीपक सातनाज ढेर पे जलाएं और वही पर बैठकर 108 बार इस मन्त्र का जप करें। इस मन्त्र को स्फुटिक की माला से किया जाना चाहिए-
“ॐ महालक्ष्मऐ नमः, ॐ विष्णुप्रियाऐ नमः, ॐ श्रीं नमः”
इसके बाद चांदी की कटोरी में दूध भरकर चंद्रमा की ओर मुंह कर दूध गमले में दाल दें।
माँ काली की आराधना
माता काली जी की कृपा प्राप्ति हेतु ये उपाय केवल उनके लिए है, माता जिनकी इष्ट है या जो माता की शरण में हैं। माता जी के चरणों में एक पान के पत्ते पर लौंग का जोड़ा, एक इलायची, एक कर्पूर, कुछ भी मीठा और एक फूल रख कर, साथ में एक पानी वाला नारियल पर 5 बार कलावा लपेट कर, हाथ जोड़ प्रार्थना करके रख दें।
बुरी बलाओं से बचने के उपाय
लगभग 100 ग्राम रत्ती या गुंजा या घुंघुची के दाने लें जो लाल रंग के हों। इन दानों को तांबे की कटोरी में रखें। फिर शनि के मंत्र की 11 मालाए जपें। जप का समय है मध्यरात्रि। रात का जप ज़्यादा महत्तवपूर्ण होता है। यह जप पूर्ण समर्पण के साथ हो। यह आप के पास एक ऐसी औषधि तैयार हो गई जो आपको इन बातों मे मदद करेगी- – गुप्त शत्रु की चालों को समाप्त कर देगी।- बच्चों को नज़र दोष होने पर इसे काले कपडे में बांधकर उनके गले मे पहनाये।
- यदि घर में गरीबी एकदम आई हो या संतान गर्भ में ही प्राण चोर देती हो तो इसके कुछ दाने अपने घर के कोनो में बिखरा दें।
- यदि अपने कोई नया घर लिया है जहां आपका मन उखड़ने लगा है या आपका मन अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान से उखड़ रहा तो वह इन दानों पूजास्थान में रखें।
अच्छी पढ़ाई व नौकरी में सफलता के उपाय
दिवाली के दिन दूब घास, गुंजा तथा शमी अथवा पीपल की छोटी सी लकड़ी लेकर एक तांबे के बर्तन रखें फिर गणेश जी की पूजा करें। इसे सदैव पूजा में ही रहने दें। जो लोग पढ़ाई या नौकरी में बहुत संघर्ष कर रहें हैं उन्हें सफलता मिलेगी। इसे अपने बैग या पढ़ाई की मेज़ या कार्य करने वाली मेज़ पर भी रख सकतें हैं।
संपत्ति प्राप्ति के उपाय
अनंतमूल की जड़ लें। उसे “ॐ अं अंगारकाये नमः” की 11 मालाओं से सिद्ध करें। फिर उसे गलें में पहनें। संपत्ति की समस्याएँ समाप्त होंगी।
दुर्घटनाओं से बचने के उपाय
अनंतमूल की जड़ तथा साबुत सुपारी लें। उसे महामृत्युंजय की 11 मालाओं से सिद्ध करें। फिर उसे गलें में पहनें। यदि मारकेश भी लगा हो तो भी अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है। इसे घर में कोई भी व्यक्ति परेशानी या मारकेश के संकट के समय पहेन सकता है। इसे उस व्यक्ति को भी ज़रूर पहनना चाहिए जिसके चोटें बहुत लगती हों।
घबराहट वा सिरदर्द की समस्याओं से बचने के उपाय
इस यंत्र को सादे कागज़ पर हल्दी की स्याही बनाकर लिखें। लिखते समय ॐ का जाप करतें रहें। ऐसे कई सारे यंत्र बनाकर रख लें ।
जब भी सिरदर्द हो या आधासीसी का दर्द हो, घबराहट या तनाव हो- तो इसे सिर पर बांध कर सो जाएं।
धन प्राप्ति के उपाय
-काली व सफ़ेद गुंजा के दाने पूजा मे रखकर कनक धारा स्रोत का पाठ करें। इसे तीन बार लगातार करना होता है। इन दानों को हमेशा सम्हाल कर रखें।
- काली व सफ़ेद गुंजा के दाने पूजा में रखकर 11 मालाये ऊं श्रीं नमः की करें।
- एक और मंत्र नोट करें – ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्रीं क्लीं ॐ वित्तेश्वराय नमः।
शिवजी के सम्मुख बैठकर इस मंत्र का जप सवा लाख बार करें और इस मंत्र को रात 11.39 से 12.30 के बीच में प्रारम्भ करके सवा लाख जाप पूरे होने तक करें, जिसमें कई दिन लगेंगे। पर गरीबी मिटाने इस मंत्र का जवाब नहीं।
-बेलपत्र या अशोक या आक या बरगद के 11 पत्तों पर सिंदूर और हल्दी मिलाकर उस पर पं दँ लं लिखकर बहते जल में प्रवाहित करें।