लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने वक्त बचा है। ऐसे में सभी दल अपनी तैयारियों में जुटे हैं और खुद को मजबूती के साथ चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। वहीं, चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी  (बीएसपी) की मुश्किलों बढ़ती जा रही हैं और पार्टी के नेता मायावती का साथ छोड़ते जा रहे हैं। आंबेडकर नगर के सांसद रितेश पांडे के बाद अब कई और नेताओं के पार्टी छोड़ने की चर्चाएं जोरों पर हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि बीएसपी के मौजूदा सांसदों को उम्मीद थी कि उनकी पार्टी एनडीए या फिर इंडिया गठबंधन में से किसी न किसी अलायंस में जरूर शामिल होगी, लेकिन मायावती ने अपने दम पर ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।

ये छोड़ सकते है बीएसपी का साथ

एक के बाद एक पार्टी के सीनीयर नेताओं के बसपा छोड़ने से ठीक चुनाव से पहले मायावती की मुश्‍क‍िलें बढ़ती जा रही हैं। रितेश पांडे के बसपा छोड़ने के बाद अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी खूब है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती को जल्‍द ही एक बड़ा झटका लग सकता है। पार्टी के एक और दिग्‍गज नेता और लोकसभा सांसद बसपा सुप्रीमो की पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। दरअसल, अकेले चुनाव में जाने से हार के खतरे को भांपकर कई सांसद पाला बदलने को तैयार बैठे हैं। दानिश अली और इनमें जौनपुर के श्याम सिंह यादव और लालगंज की सांसद संगीता आजाद के भी बीएसपी छोड़ने की चर्चाएं चल रही हैं। बिजनौर के सांसद मलूक नागर के भी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने की चर्चा है। श्रावस्ती के सांसद राम शिरोमणि वर्मा भी बीएसपी छोड़ सकते हैं।

कांग्रेस ज्‍वाइन कर सकते हैं जौनपुर के सांसद

जौनपुर के सांसद के पार्टी छोड़ने की चर्चाएं हो रही हैं। सूत्र बताते हैं कि जौनपुर के बसपा सांसद श्‍याम सिंह यादव के कांग्रेस ज्‍वाइन करने की संभावना है। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि उनकी राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा’ के प्रति नजदीकी बनी हुई है। वहीं, अमरोहा से बीएसपी सांसद दानिश अली को पार्टी से पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इसके बाद से वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बेहद करीब दिखाई दिए हैं। दानिश अली मुरादाबाद में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ नजर आए थे।

अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी बसपा

दरअसल, बीएसपी के मौजूदा सांसदों को उम्मीद थी कि उनकी पार्टी एनडीए या फिर इंडिया अलायंस में से किसी न किसी गठबंधन को हिस्‍सा जरूर बनेगी, लेकिन पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने दम पर ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। गठबंधन की सभी अफवाहों और कयासों को खारिज करते हुए मायावती ने घोषणा कर दी है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा अकेले ही चुनावी दंगल में उतरेगी।

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2019 में बीएसपी ने जीतीं 10 सीट

ऐसे में मायावती के इस फैसले से उनके नेता खफा हैं। चुनाव में एनडीए बनाम इंडिया के शोर में वह अपने लिए नया ठिकाना तलाशने में लग गए हैं। गौरतलब है कि बीएसपी ने साल 2019 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था और 10 सीटें जीती थीं। इस बार विपक्षी दलों ने बीजेपी के विजयरथ को रोकने के लिए इंडिया अलायंस बनाया है।  (एएमएपी)