सुरेंद्र किशोर
उस राज्य से लौट रहे लोग यह बता रहे हैं कि उत्तराखंड जल्द ही एक और कश्मीर बनने जा रहा है। वहां भारी संख्या में बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठिए बसते जा रहे हैं। वे तीर्थ स्थलों को घेर कर बस रहे हैं।
इस खबर की केंद्रीय आई.बी.पुष्टि करता है या नहीं, मुझे नहीं मालूम। किंतु जाकिर नाइक (दिग्विजय सिंह के शब्दों में ‘शांतिदूत’) ने 23 अगस्त 2020 को ही कह दिया कि भारत में हिन्दुओं की आबादी अब 60 प्रतिशत से कम हो चुकी है। (गुगल पर इस बयान को आप भी पढ़ सकते हैं।)
इस प्रतिशत पर किसी सांसद को संसद में सवाल करना चाहिए था। असलियत जानना चाहिए था। किंतु हमारे अनेक सांसदों को हंगामे से फुर्सत ही कहां मिलती है !
हाल बंगाल का
हाल में पश्चिम बंगाल के लौटे मेरे एक गैर राजनीतिक करीबी ने बताया कि रोज ही सैकड़ों बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं और पूरे देश में फैल रहे हैं। उन्होंने हावड़ा रेलवे स्टेशन पर उनकी बड़ी संख्या देखी थी। लगता है कि सीमा सुरक्षा बल को भी उन्हें रोकने में कोई रूचि नहीं है। पश्चिम बंगाल की वाम व ममता सरकारों के लिए तो वे वोट बैंक रहे हैं। यदि ऐसा है तब तो केंद्र की मोदी सरकार सन 2024 का चुनाव नहीं जीत पाएगी। क्योंकि घुसपैठियों को तत्काल वोटर बना देने वाली आंतरिक शक्तियां काफी सक्रिय हैं। ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि पश्चिम बंगाल में सी.ए.ए. और एन.आर.सी. लागू किया जाएगा तो खून की नदियां बह जाएंगी।
गुगल पर ही ममता बनर्जी का एक भाषण सुन लीजिए जो उन्होंने 3 मई 2022 को ईद के अवसर पर दिया था। उन्होंने कहा कि ‘‘हम काफिर नहीं हैं। हम लड़ना जानते हैं।’’ कल्पना कर लीजिए आने वाले दिनों में इस देश में क्या-क्या होने वाला है !
अल्पसंख्यकों की अभूतपूर्व एकजुटता
पश्चिम बंगाल, केरल,यू.पी.और कर्नाटक विधानसभाओं के गत चुनावों में अल्पसंख्यक मतों की अभूतपूर्व एकजुटता की करामात आप देख चुके हैं। उत्तराखंड जैसे जिन राज्यों में अल्पसंख्यक वोट अभी तक चुनावों में निर्णायक नहीं रहे हैं, वहां घुसपैठ करवा कर जनसंख्या के अनुपात को तेजी से बदला जा रहा है।(केंद्र की देश भक्त सरकार क्या कर रही है?)
इस्लामिक उपदेशक व भारत से भगोड़ा जाकिर नाइक ने भारत के अल्पसंख्यकों से अपील की है कि (यह बयान भी गुगल पर उपलब्ध है) केरल के आसपास के राज्यों के अल्पसंख्यक केरल में जाकर बसना शुरू कर दें। वहां की आबादी बढ़ानी है। यह सब लिखने पर मेरे बारे में कुछ लोग जो भी अर्थ लगाएं, किंतु हम अपने मौजूदा व आने वाले वंशजों के जीवन को भारी संकट में नहीं डालना चाहते। इसलिए लोगों को चेता रहे हैं।
यूपी में मिला दें उत्तराखंड को
तीर्थ स्थलों वाले राज्य उत्तराखंड को युद्ध स्थल बनने से बचाना हो तो केंद्र सरकार को चाहिए कि वह उत्तराखंड को जल्द से जल्द यू.पी. में फिर से मिला दे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ उस राज्य को भी बचा लेंगे। बल्कि वही बचा सकते हैं। मोदी-अमित शाह ढीले पड़ रहे हैं।
उत्तराखंड को अब भी घुसपैठियों से बचा लेने के कुछ अन्य उपाय भी उपलब्ध हैं जिन्हें यहां नहीं बताया जा सकता हैै।
हालांकि वे उपाय यूट्यूब पर बताए जा रहे हैं।
(fb पोस्ट पर आधारित। लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)