आपका अख़बार ब्यूरो।
आखिर अमेरिका ने कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का कैसे पता लगाया। क्या ओसामा बिन लादेन अपनी पत्नी से हुई एक गलती के कारण मारा गया? एक ताजा खुलासा तो इसी तरफ इशारा करता है कि अगर ओसामा की पत्नी ने वह एक गलती ना की होती तो शायद अमेरिकी सुरक्षा बलों को पाकिस्तान के एबटाबाद में लम्बे समय तक ओसामा के ठिकाने पर उसके होने की पक्की सूचना नहीं मिली होती।
वॉशिंगटन डेटलाइन से ज़ी न्यूज़ में फॉक्स न्यूज के हवाले से छपी एक खबर में कहा गया है कि दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी कहा जाने वाला ओसामा बिन लादेन अपने परिवार की एक गलती की वजह से अमेरिका के हत्थे चढ़ा था। दरअसल, इसी गलती की वजह से अमेरिका को उसके ठिकाने की पहचान हुई थी। बाद में अमेरिका ने मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा को ढेर कर दिया था।
किताब में हुआ खुलासा
अमेरिका के न्यूयॉर्क में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड था। 9/11 हमले के बाद से ही अमेरिका ने कसम खाई थी कि वो ओसामा को ठिकाने लगाकर रहेगा और उसने ऐसा करके भी दिखाया। फॉक्स न्यूज में छपी यह खबर अल-कायदा के सरगना को लेकर लिखी किताब ‘द राइज एंड फॉल ऑफ ओसामा बिन लादेन’ पर आधारित है। सीएनएन के पूर्व प्रोड्यूसर और राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक पीटर बर्जन की लिखी इस किताब में बताया गया है कि लादेन की मौजूदगी के बारे में अमेरिका को कैसे पता चला। किताब में उन्होंने लिखा है कि लादेन के घर में ऐसा क्या दिख गया जिसने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को उसकी पहचान करने और उसे मारने में मदद की।
एबटाबाद में इब्राहिम ने खरीदी थी जमीन
किताब के हवाले से जी न्यूज़ ने बताया कि ओसामा बिन लादेन 9/11 हमले के बाद अमेरिका के निशाने पर आ गया था। वह अमेरिकी एजेंसियों से बचने के लिए एक सुरक्षित ठिकाने की तलाश में था। इस हमले के बाद बिन लादेन की तीनों पत्नियां और उसका परिवार बिखर गया. बिन लादेन खुद अफगानिस्तान और उत्तरी पाकिस्तान के पहाड़ों में छिपा था।
लादेन को अपने परिवार के बिखरने का काफी दुख था। यही वजह थी कि उसने अपने परिवार को फिर से एक करने की कसम खाई थी। परिवार को फिर से एकजुट करने के लिए ओसामा बिन लादेन ने अपने बॉडीगार्ड इब्राहिम सईद अहमद अब्द अल-हामिद को पाकिस्तान के एबटाबाद में जमीन खरीदने और एक खुफिया घर बनाने के लिए कहा था। ओसामा बिन लादेन के अनुरोध पर एबटाबाद में एक तीन मंजिला घर बनाया गया था।
इस मकान की पहली और दूसरी मंजिल पर चार बेडरूम थे। हर बैडरूम में बाथरूम था। ऊपर की मंजिल पर ओसामा बिन लादेन के निजी इस्तेमाल के लिए एक बेडरूम, एक बाथरूम और एक ऑफिस था।
ऐसे मिला सुराग
‘द राइज एंड फॉल ऑफ ओसामा बिन लादेन’ किताब में बताया गया है कि लादेन के परिवार के सदस्य 2005 में इस घर में रहने लगे थे। वहीं, बॉडीगार्ड भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ हर रोज उस घर में आता था। इब्राहिम परिसर में ही बने एक दूसरे घर में रहता था। वो साल 2010 का कोई दिन था। अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए के एक मुखबिर ने पेशावर में लादेन के बॉडीगार्ड इब्राहिम को देख लिया। इसके बाद उस व्यक्ति ने इब्राहिम का पीछा किया। पीछा करते करते वह उस घर तक पहुंचा जहां वो रहता था। इसी आधार पर उसे ओसामा बिन लादेन के ठिकाने का भी सुराग मिला। लादेन यहाँ अपनी तीन पत्नियों, आठ बच्चों और चार पोतों के साथ रहता था। यानी यहां कुल सोलह लोग रहते थे। दरअसल, इस घर में ऐसी कई चीजें थीं, जिसकी वजह से सीआईए को संदेह हुआ। शक की वजहों में प्रमुख थीं मकान में फोन लाइन तथा इंटरनेट का नहीं होना और घर में कम खिड़कियां होना।
आंगन में कपड़े
ओसामा बिन लादेन के इस खुफिया घर पर नजर रखने के लिए अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए ने इसके पास में ही एक बेस बनाया। इस दौरान खुफिया एजेंसी को घर में सुखाए जाने वाले कपड़ों को लेकर कुछ संदेह हुआ। लादेन की पत्नी ने घर के आंगन में जो कपड़े सुखाए थे उसी के आधार पर अमेरिका को घर में उसकी मौजूदगी का पता चला। सीआईए ने देखा कि हर सुबह घर के आंगन में महिला, पुरुषों के पारंपरिक पाकिस्तानी कपड़े, बच्चों के डायपर और कई अन्य कपड़े सुखाए जा रहे हैं। इससे उन्हें लगा कि यहां पर 11 लोगों से ज्यादा लोग रह रहे हैं। अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि घर में एक पुरुष, कई महिलाएं और कम से कम नौ बच्चे थे। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को यह सबूत दिखाए गए। लादेन का होना सुनिश्चित जानकर ओबामा ने वहां हमले का आदेश दिया। उसके बाद मई 2011 में अमेरिकी सेना ने दुर्दांत आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ढेर कर दिया।