उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने ‘आपका अख़बार’ के संपादक प्रदीप सिंह को दिए विशेष साक्षात्कार में हर मुद्दे पर बेबाक बात की-6 ।
“केरल हाई कोर्ट 2009 में कहा था लव जिहाद केरल को इस्लामी स्टेट बनाने की साजिश का हिस्सा है, इसके खिलाफ कदम उठाने चाहिए। दुर्भाग्य है, केरल की सरकार ने उसका संज्ञान नहीं लिया। केवल वोट बैंक की राजनीति”
प्रदीप सिंह- इस बीच में यूपी पुलिस और यूपी एटीएस ने धर्म परिवर्तन कराने वाले बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह काम बहुत बड़े पैमाने पर बहुत लंबे समय से चल रहा है। इसको आप सामाजिक सौहार्द के लिए कितना बड़ा खतरा मानते हैं- देश की एकता अखंडता के लिए कितना बड़ा खतरा मानते हैं?
योगी आदित्यनाथ- हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ काम बेहतर किए हैं इधर… और यह शुरू से किए हैं। देखिए, पहले लीडरशिप नहीं थी, एजेंसियां पंगु थीं। चाहते हुए भी कुछ कर नहीं पाती थीं। सरकार जब आतंकवादियों से मुकदमों को वापस लेगी तो सुरक्षा एजेंसियों में मैसेज भी खराब जाता है। जब आप थानों और तहसीलों को वसूली का अड्डा बना देंगे तो फिर व्यवस्था चौपट होनी ही होनी है। यही होता था। हमारी सरकार के समय में अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्य करने की जो रणनीति है- सुरक्षा एजेंसियों ने उसे हाथों हाथ लिया है- और आज उत्तर प्रदेश इस मामले में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है।
एक्ट नहीं होता तो बड़ी कार्रवाई नहीं कर पाते
आप याद करिए हमने विगत वर्ष ही धर्मांतरण विरोधी कानून बना दिया था क्योंकि इस प्रकार के इनपुट हमारे पास थे। हमारी इंटेलिजेंस ने इस प्रकार के इनपुट हमें दिए थे कि कानून व्यवस्था पर कभी-कभी जो संकट खड़ा होता है तो उसके पीछे इस प्रकार के कारण होते हैं। हमने उसकी पूरी सूची तैयार की। फिर उसको ध्यान में रखकर के अपने लॉ कमीशन को कहा कि इससे संबंधित एक लॉ, एक एक्ट बनना चाहिए। पहले ऑर्डिनेंस लेकर आए- फिर हमने एक्ट बनाया- उसको प्रदेश में लागू किया। अगर हमारे पास एक्ट नहीं होता तो हम बड़ी कार्रवाई कर भी नहीं पाते। इसी प्रकार से हम लोगों ने लव जिहाद के खिलाफ भी एक कानून बनाया। केरल हाई कोर्ट 2009 में कह चुका था कि लव जिहाद केरल जैसे स्टेट को इस्लामी स्टेट बनाने की एक साजिश का हिस्सा है और हमें समय रहते इसके खिलाफ कदम उठाने चाहिए, सरकार को कदम उठाने चाहिए। एक तरफ न्यायपालिका आदेश दे रही है… दुर्भाग्य है, केरल की सरकार ने उसको संज्ञान नहीं लिया। केवल वोट बैंक की राजनीति। कर्नाटक हाईकोर्ट के एक माननीय न्यायमूर्ति ने भी इस बात का उल्लेख किया था। लेकिन उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई और हमने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया। मुझे प्रसन्नता है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां दोनों पर कार्य कर रही हैं। धर्मांतरण का जो इशू है यह बहुत बड़ा इशू है, देखिए किस हद तक जाकर के यह होता है… उन्होंने टारगेट किसको किया था- मूक बधिर बच्चों को…
प्रदीप सिंह- यह सबसे बुरा हुआ।
योगी आदित्यनाथ- जो बोल नहीं सकते, जो सुन नहीं सकते, उन बच्चों को ट्रेनिंग के नाम पर उनके स्कूल में या हॉस्टल में जाकर के उनके प्रशिक्षण के नाम पर स्मार्टफोन देना- और फिर इस स्मार्टफोन में कोडिंग के माध्यम से कार्रवाई को आगे बढ़ाना… और यह प्रक्रिया केवल धर्मांतरण तक सीमित नहीं थी। यह 1984 से चल रहा है और केवल धर्मांतरण तक सीमित नहीं था- एक सुसाइड स्क्वाड का दस्ता तैयार करना था। इसके बहुत बड़े रैकेट का पता चला। इसका पूरा संचालन कहां से हो रहा था- बटाला हाउस से।
सुरक्षा खतरे में थी- आस्था खतरे में थी
प्रदीप सिंह- दिल्ली का जो बटाला हाउस है।
योगी आदित्यनाथ- दिल्ली बटाला हाउस से यह सब संचालित हो रहा था। सारे अपराधी हमारे शिकंजे में हैं। बहुत बड़ी कार्रवाई चल रही है। इसमें बहुत सारे ऐसे वांछित पकड़े गए हैं जिनकी नाजायज हरकतों के कारण सुरक्षा खतरे में थी- आस्था खतरे में थी। मुझे लगता है उसमें आज हमें काफी राहत देने में सफलता प्राप्त होगी।
प्रदीप सिंह- आखिरी में एक सवाल। चुनाव आने वाले हैं। मुझे लगता है दिसंबर या जनवरी में अधिसूचना जारी हो जाएगी। अगर चुनाव में आप जा रहे हैं तो मैं पूछूं कि तीन ऐसे कौन से मुद्दे हैं आपकी सरकार के पांच साल के काम के- जिनके आधार पर आप कहें मतदाता से कि हम को एक मौका और दीजिए।
जनता के मन में जो धारणा थी आज वह बदली
योगी आदित्यनाथ- मैंने पहले भी कहा ना… हमारी सरकार ने प्रदेश को उसकी पहचान दिलाई है। ओवर ऑल परसेप्शन उत्तर प्रदेश के बारे में बदला है। आज उत्तर प्रदेश का नागरिक कहीं भी जाएगा- पांच साल पहले उत्तर प्रदेश के बारे में जनता के मन में जो धारणा थी आज वह बदली होगी। आज उत्तर प्रदेश के एक-एक नागरिक को लोग सम्मान के भाव से देखते हैं पहले वह दृष्टि नहीं थी। यह ओवरऑल परसेप्शन यूपी के बारे में बदला है। इसके पीछे बेहतर कानून व्यवस्था, दूसरा सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करना- उत्तर प्रदेश में हमने बेहतर सुशासन स्थापित करने की पूरी कार्यवाही की। केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं को हर एक नागरिक तक पहुंचाया। दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का कार्य जो यूपी में विगत साढ़े चार- पांच वर्षों के अंतर्गत हुआ है। अगर यह कार्य आजादी के बाद हुआ होता तो यूपी देश की नंबर एक की इकोनामी होती- और जो प्रधानमंत्री जी ने वन ट्रिलियन यूएस डॉलर की इकोनामी बनाने का लक्ष्य दिया था यूपी को- मुझे लगता है बहुत पहले इसको अचीव कर लिया गया होता। यूपी का नौजवान बेरोजगार नहीं होता- बदहाल नहीं होता- उसके सामने पहचान का संकट नहीं खड़ा होता। हमने उस पहचान के संकट से अब उसे मुक्त किया है। आज वह बड़े गर्व के साथ कह सकता है मैं देश के हृदय स्थल उत्तर प्रदेश का निवासी हूं। अब उसके सामने पहचान का संकट नहीं है। आज बहन बेटियों के सामने सुरक्षा का कोई संकट नहीं है। अब प्रदेश में डेवलपमेंट के नाम पर लूट खसोट नहीं है बल्कि डेवलपमेंट दिखाई देगा और दिखाई दे रहा है। आज कार्यालयों में कार्य अटकेगा नहीं क्योंकि हर एक की जवाबदेही तय है। सिटीजन चार्टर ईमानदारी के साथ किसने लागू किया? यूपी ने लागू किया है। तीन दिन से अधिक अगर फाइल कहीं अटकी है तो मेरा पोर्टल उस पर क्लिक कर देगा- पहले से अलर्ट कर देगा कि यहां फाइल अटकी हुई है- तो मैं स्वयं पूछ लेता हूं कि भैया यह तो बता दो कि कारण क्या है इसका? सुशासन हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है- उसके जीवन में परिवर्तन के लिए आवश्यक है- और हमारी सरकार ने इसको किया है।
प्रदीप सिंह- योगी जी, आप ‘आपका अखबार’ के मंच पर आए अपनी बातें रखीं। हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया। इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
योगी आदित्यनाथ- धन्यवाद। बहुत-बहुत धन्यवाद।
(समापन क़िस्त)