आपका अखबार ब्यूरो।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव मार्च 2022 में होना है लेकिन चुनावी हलचल अभी से शुरू हो गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआई एमआईएम) के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी मंगलवार को जौनपुर होते हुए आजमगढ़ पहुंचे। आजमगढ़ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का चुनाव क्षेत्र है। बिहार में चुनावी कामयाबी के बाद ओवैसी का यह पहला उत्तर प्रदेश दौरा है।
इत्तफाक या कुछ और…
इसे इत्तफाक कहें या कुछ और कि मंगलवार को ही अखिलेश यादव भी जौनपुर पहुंचे। बहाना था समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता पारसनाथ यादव की जयंती का कार्यक्रम। यहां यह बताना जरूरी है कि लोकसभा चुनाव के बाद से अखिलेश यादव सिर्फ एक बार अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के दौरे पर गए हैं। पिछले लगभग एक साल से वे लखनऊ से चलकर आजमगढ़ नहीं पहुंच पाए और ओवैसी हैदराबाद से उनके चुनाव क्षेत्र पहुंच गए।
आजमगढ़ ही क्यों?
अब सवाल है कि ओवैसी ने अपने उत्तर प्रदेश दौरे की शुरुआत के लिए आजमगढ़ को ही क्यों चुना? इसका जवाब ओवैसी ने खुद ही दिया। वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे पर जब उनसे इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अखिलेश के शासन में उन्होंने बारह बार सूबे में राजनीतिक कार्यक्रम की इजाजत मांगी लेकिन अखिलेश यादव ने मना कर दिया।दरअसल साल 2012 से 2017 के पांच साल के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में अखिलेश यादव ने ओवैसी को उत्तर प्रदेश में आने नहीं दिया। ओवैसी इस बात को भूले नहीं है। वाराणसी हवाई अड्डे पर उनके स्वागत में अच्छी खासी भीड़ जुटी।
AIMIM President Barrister @asadowaisi and SBSP Chief OP Rajbhar welcomed by a Sea of Crowd in Jaunpur, Uttar Pradesh#OwaisiInUttarPradesh pic.twitter.com/cBcVZyM7tK
— AIMIM (@aimim_national) January 12, 2021
Mr. Asaduddin Owaisi in Jaunpur Uttar Pradesh, huge crowd gathered to see the face of lion.#AsaduddinOwaisi #AsadOwaisiJaunpurAzamgarh #OwaisiInUttarPradesh #amim#AkhileshYadav @asadowaisi @aajtak @ANINewsUP @ndtv @ndtvindia @Akbar_Owaisi_ @AzmiShabana @ABPNews pic.twitter.com/xYq5KRBPAo
— Ameen faridi (@FaridiAmeen) January 12, 2021
सपा को चोट पहुंचाएंगे ओवैसी
ओवैसी की पार्टी विधानसभा चुनाव में कोई सीट जीत पाएगी या नहीं यह तो समय ही बताएगा लेकिन वह समाजवादी पार्टी का नुक्सान करेगी इतना तय है। उनकी पार्टी ने ओम प्रकाश राजभर की पार्टी से गठबंधन किया है। राजभर पिछले चुनाव में भाजपा के साथ थे। पर अब अपना अलग रास्ता अपना लिया। ओवैसी जौनपुर में राजभर से मिले। उसके बाद दोनों नेता आजमगढ़ और मऊ के लिए रवाना हो गए। वे समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी के साथ जाते तो भाजपा का ज्यादा नुक्सान कर सकते थे। पर ओवैसी के साथ जाने का मतलब है समाजवादी पार्टी को नुक्सान। ओवैसी जो भी मुसलिम वोट काटेंगे वह समाजवादी पार्टी का ज्यादा नुक्सान करेंगे। क्योंकि मुसलमान बसपा की तुलना में सपा के साथ जाना पसंद करता है। यही कारण है कि हवाई अड्डे पर जब अखिलेश यादव से ओवैसी के आजमगढ़ दौरे के बारे में पूछा गया तो वे सवाल को टाल गए। पिछले साढ़े तीन सालों में सपा और कमजोर हुई है। लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन करके भी वह पांच सीटें ही जीत पाई। विधानसभा चुनाव में हार के बाद से अखिलेश ट्विटर के नेता हो गए हैं। वे लखनऊ से बाहर बल्कि कहें कि घर से बाहर कम ही निकलते हैं।