इमरान की पार्टी के समर्थित उम्मीदवारों ने सेना की पसंद माने जा रहे पीएमएल-एन चीफ नवाज शरीफ की पार्टी को फिलहाल रेस में पीछे छोड़ दिया है। इमरान को जेल में रखने का एक मकसद उन्हें चुनावी दौड़ से दूर रखना भी माना जा रहा था। लेकिन अब तक जितनी भी सीटों के नतीजे सामने आए हैं, उसके मुताबिक उनकी पार्टी के समर्थित उम्मीदवारों की जीत ने सेना के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक के चुनावी नतीजों के अनुसार 266 सीटों पर हुए नेशनल असेंबली के चुनाव में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने लगभग 96 सीटों पर जीत दर्ज की है। नवाज शरीफ की पीएमएल-एन ने 66 सीटों पर जीत हासिल हुई है। इसके साथ ही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने लगभग 51 सीटों पर जीत दर्ज की है। एमक्यूएम-पी ने 14 सीटों, पीएमएल ने तीन सीटों, आईपीपी ने दो सीटों, जेयूआई-पी ने दो सीटों और पीएनएपी और एमडब्ल्यूएम ने एक-एक सीटों पर जीत हासिल की है।
ऐसे में कयास लगने लगे हैं कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तानी सेना को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में 9 फरवरी अब एक महत्वपूर्ण तारीख बन गई है। देश परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है लेकिन चुनाव के नतीजों पर संशय बना हुआ है। पीटीआई समर्थित उम्मीदवार इंटरनेट पर रोक और निर्वाचन क्षेत्रों के लिए स्पष्ट निर्देशों की कमी जैसी चुनौतियों को पार करते हुए रेस में आगे हैं।
PML-N सबसे बड़ी पार्टी, मिलकर सरकार बनाएंगे: नवाज शरीफ
नवाज शरीफ ने मतगणना के बीच ही पार्टी समर्थकों को संबोधित करते हुए दावा किया पीएमएल-एन देश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
नवाज ने भावुक होते हुए समर्थकों से कहा कि मैं आपसे कई दफा कह चुका हैं कि I love you too। मैं आपकी आंखों में आज चमक देख सकता हूं, जो कह रही है कि हमारे जख्म भरो। ये चमक कह रही है कि हमारी जिंदगियों को रोशन करो। हम आज आप सभी को मुबारकबाद देना चाहते हैं क्योंकि चुनाव में पीएमएल-एन देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हम पाकिस्तान के जख्म भरना चाहते हैं। हम जनादेश का सम्मान करते हैं।
पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आकर और मिलकर सरकार बनाने की जरूरत है ताकि इस मुश्किल हालात से देश को बाहर निकाला जा सके।
नवाज ने कहा कि उनके छोटे भाई शहबाज को हमने जिम्मेदारी दी है कि वो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के आसिफ अली जरदारी, जेयूआई-एफ के फजलुर रहमान और एमक्यूएम-पी के खालिद मकबूल सिद्दीकी के पास जाकर उनके सामने गठबंधन सरकार बनाने की पेशकश करें। हम सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे हैं लेकिन हमें पूरा जनादेश नहीं मिला है। हमारे पास बहुमत नहीं है, जो हम खुद के दम पर सरकार बनाएं। लेकिन हम अन्य पार्टियों को दावत देते हैं कि वे हमारे साथ मिलकर सरकार बनाएं।
हम पंजाब-खैबर पख्तूनख्वा सहित केंद्र में सरकार बनाएंगे
इमरान खान की पार्टी पीटीई ने भी सरकार बनाने का दावा किया है। पार्टी का कहना है कि हमें पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और केंद्र में बहुमत मिला है। इस वजह से हम इन तीनों जगह सरकार बनाने जा रहे हैं।
पीटीआई के निर्दलीय उम्मीदवार हो सकते हैं गेमचेंजर
चुनाव आयोग ने इमरान खान की पार्टी पीटीआई के चुनाव चिह्न बैट को रद्द कर दिया था, जिसके बाद उनकी पार्टी के उम्मीदवार निर्दलीयोंक के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। अब यही निर्दलीय सेना का गेम बिगाड़ सकते हैं। दरअसल चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों सांसद बनेंगे जबकि निर्दलीयों के पास चुनाव के बाद किसी भी पार्टी में शामिल होने का विकल्प होगा।
पाकिस्तान के एक पत्रकार का कहना है कि नियमों के तहत निर्दलीयों को एक महीने के भीतर किसी भी पार्टी में शामिल होना होगा। अगर ऐसा होता है तो पीटीआई के समर्थित उम्मीदवार इमरान खान के गठबंधन वाले किसी भी छोटे दल में शामिल होकर संसदक पहुंच सकते हैं। इसके बाद उन्हें पार्टी की आरक्षित सीटें मिलेंगी। इसके बाद वे अपना अगल कदम उठा सकते हैं।
मतदान के बीच पाकिस्तान में उथल-पुथल
आठ अक्टूबर को चुनाव के दिन देशभर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई। इससे मतदाताओं को भारी असुविधा हुई। कराची के स्थानीय निवासली अजाब खान बताते हैं कि आठ अक्टूबर को सुबह सात बजे से ही मोबाइल नेटवर्क बंद हैं। दरअसल प्रशासन को डर था कि चुनाव में जो भी होगा, वो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाएगा इसलिए उन्होंने इंटरनेट बंद कर दिया।
चुनाव में धांधली का आरोप
चुनाव में धांधली के आरोपों के बीच आठ अक्टूबर की शाम को मतगणना शुरू हुई थी। लेकिन कई निर्वाचन क्षेत्रों में पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों के रेस में आगे होने की वजह से कई जगह मतगणना रोक दी गई थी। रिटर्निंग ऑफिसर के ऑफिस के बाहर बैठे पीटीआई के उम्मीदवार जरताज गुल ने बताया कि पुलिस ने मुझे रिटर्निंग ऑफिसर के ऑफिस से खींचकर बाहर निकाला। उन्होंने मुझे कार में बैठने को कहा। मुझे 82000 वोट मिले थे जबकि मेरे प्रतिद्वंद्वी को 26000 वोट मिले थे। मैं 40 हजार वोटों से आगे था। उन्होंने मुझसे कहा कि मेरी जान को खतरा है। मैं समझ नहीं पाया कि मेरे साथ क्या हुआ।
आतंकियों को नहीं पड़े वोट
पाकिस्तान की जनता ने आतंकियों को भी सिरे से खारिज किया है। हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद पीटीआई के समर्थित उम्मीदवार से चुनाव हार गए। पीटीआई के एक समर्थक अब्दुल हमीद का कहना है कि हम पीटीआई की सरकार चाहते हैं। हमें लगता है कि वे बेहतर कर सकते हैं. हमारी उनसी बहुत सी उम्मीदें हैं।
इमरान का AI दांव
कई मामलों में दोषी ठहराए गए इमरान खान जेल के भीतर से ही चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। पीटीआई की चुनावी टीम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और तकनीक का इस्तेमाल कर मतदाताओं तक पहुंच बना रही है। इमरान खान के भाषणों और बयानों को एआई टूल के जरिए प्रचारित किया जा रहा है और उनके भाषणों को वीडियो में तब्दील किया गया ताकि लोग अपने नेता से कट नहीं पाए।
इस तरह तकनीक और चुनावी रणनीति से इमरान खान की पार्टी एक तरह से सेना पर भारी पड़ती नजर आ रही है। अब ये चुनावी नतीजे साफ होने पर ही पता चलेगा कि ऊंट किस करवट बैठा है।(एएमएपी)