गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान के हालात कोढ़ में खाज जैसे होते जा रहे हैं। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में अब कुछ ही सप्ताह के आयात के लिए रकम बची है, जिसे देखते हुए विदेशी कंपनियों ने पाकिस्तानी सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उन्हें माल ढुलाई के लिए जल्द पैसा नहीं मिला तो वे पाकिस्तान की सभी शिपिंग लाइन बंद कर देंगे। शिपिंग कंपिनयों का कहना है कि उन्हें काफी समय से माल ढुलाई का पैसा नहीं मिला है। जिस तरह के हालात हैं, उसे देखकर उन्हें आशंका है कि कहीं पाकिस्तान दिवालिया न हो जाए।पाकिस्तान शिप एजेंट्स एसोसिएशन (पीएसएए) के अध्यक्ष अब्दुल रऊफ ने एक पत्र लिखकर वित्त मंत्री इशाक डार को समय रहते जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है। रऊफ का कहना है, अगर शिपिंग कंपनियों का उधार नहीं चुकाया गया तो पाकिस्तान की हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी।
पीएसएए अध्यक्ष ने इस संबंध में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर जमील अहमद, वाणिज्य मंत्री सैयद नवीद नमार और समुद्री मामलों के मंत्री फैसल सब्जवारी को भी पत्र लिखे हैं। रऊफ ने सभी मंत्रालय और विभागों से अनुरोध किया है, वे शिपिंग कंपनियों का उधार चुकाएं और समुद्री व्यापार को बरकरार रखने के प्रयास करें। कहा, पाकिस्तान के समुद्री व्यापार के लिहाज से पूरी तरह से विदेशी शिपिंग कंपनियों पर निर्भर है।
साप्ताहिक महंगाई दर बढ़कर 31.83% पहुंची
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से ऋण लेने के लिए पाकिस्तान को आर्थिक सुधारों की जरूरत है। वहीं, सऊदी अरब और यूएई भी कह चुके हैं कि पाकिस्तान को और ज्यादा दान नहीं दे सकते हैं। बहरहाल, पाकिस्तान सांख्यिकीय ब्यूरो के मुताबिक पाकिस्तान में बीते शुक्रवार को साप्ताहिक महंगाई दर बढ़ कर 31.83 फीसदी पहुंच गई। देशभर के 17 शहरों में 50 बाजारों के सर्वेक्षण के आधार पर 51 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की निगरानी के आधार पर ब्यूरो ने बताया कि बीते सप्ताह में 51 में से 23 वस्तुओं की कीमतें बढ़ीं, 11 घटीं और 17 स्थिर रही हैं।
कर्ज चुकाने को कर्ज, 22 साल में 1500 फीसदी बढ़ा बोझ
भारत में आतंक फैलाने के लिए आंतकियों को पालने-पोषने वाले पाकिस्तान ने कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लिया, जिसकी वजह से हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बीते 22 वर्ष में पाकिस्तान पर कर्ज 1500 फीसदी बढ़ चुका है।
चीन ने बलोचिस्तान की खदानों से कमाया मुनाफा
पाकिस्तान सरकार ने बलोचिस्तान को चीन के हवाले करने की तैयारी की है। 1947 में जबरन कब्जा कर पाक में मिलाए गए इलाके के लोग खुद को पाकिस्तानी नहीं मानते और लंबे समय से पाकिस्तान से आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गैस और कई बहुमूल्य धातुओं के प्राकृतिक संसाधनों से भरे इस इलाके में अब पाकिस्तान सरकार चीनी कंपनियों को खनन के ठेके दे रही है। कोविड के दौरान चीन ने बलोचिस्तान में सोने, चांदी और तांबे की खदानों 7.5 करोड़ डॉलर का मुनाफा कमाया है।(एएमएपी)