प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान ने ली आतंकी हमले की जिम्मेदारी।
सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने कहा कि शाम करीब 7:10 बजे हमला होने के बाद प्रांतीय सरकार ने यह कहते हुए सेना से मदद मांगी थी कि शहर के पुलिस प्रमुख कराची में नहीं है। उन्होंने संबंधित क्षेत्र के डीआईजी को हमले में शामिल आतंकियों को गिरफ्तार करने के निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस मुख्यालय पर हमला किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है। शाह ने कहा कि करीब 4 घंटे तक चले ऑपरेशन में पांच मंजिला इमारत को साफ कर दिया गया है। पास में ही पाकिस्तानी एयरफोर्स का फैसल बेस सहित कई रणनीतिक प्रतिष्ठान भी हैं।
सिंध रेंजर्स के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमला करने वालों में आठ से दस सशस्त्र आतंकवादी थे। प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद विरोधी बल के एक ब्रिगेडियर के नेतृत्व में ऑपरेशन चलाया गया। कराची पुलिस मुख्यालय में घुसे इन आतंकियों के पास हैंड ग्रेनेड और ऑटोमैटिक गन थे। ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान रेंजर्स और पुलिसबलों ने एआईजी ऑफिस के पास इलाके को चारों ओर से घेर लिया था। इसके अलावा सिंध पुलिस और पाकिस्तान रेंजर्स को भारी संख्या में केपीओ के पास तैनात किया गया था।
सिंध की प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता मुर्तजा वहाब ने कहा कि हमलावरों को चारों ओर से घेरने के लिए जिले की सभी मोबाइल वैन को तुरंत मौके पर बुला लिया गया। क्विक रिस्पॉन्स फोर्स (क्यूआरएफ) घटनास्थल पर पहुंचा और इलाके को चारों ओर से घेर लिया। करीब 4 घंटे तक चले ऑपरेशन में 3 आतंकियों समेत 6 लोगों की मौत हुई है। ऑपरेशन में तीन आतंकियों के अलावा एक पुलिसकर्मी सहित तीन लोगों की भी मौत हुई है, जबकि 11 लोग घायल हुए हैं।
दरअसल, पाकिस्तान का प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान एक अलग समूह है, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान के सहयोगी हैं। इसी समूह ने एक साल से अधिक समय पहले अमेरिका और नाटो सैनिकों के पीछे हटने के बाद वहां सत्ता पर कब्जा कर लिया था। अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण ने पाकिस्तानी आतंकियों का हौसला बढ़ाया है, जिनके शीर्ष नेता और लड़ाके सीमा पार छिपे हुए हैं। (एएमएपी)