प्रमोद जोशी।
आर्थिक रूप से तंगी में आए पाकिस्तान ने चीन से कर्जा लेकर सऊदी अरब को एक अरब डॉलर वापस लौटा दिए हैं। सऊदी अरब कुछ समय पहले तक पाकिस्तान का संरक्षक था और दो साल पहले जब पाकिस्तान के ऊपर विदेशी देनदारी का संकट आया था, तब सऊदी अरब ने उसे तीन अरब डॉलर का कर्ज दिया था। 

हाल में दोनों देशों को रिश्ते में खलिश आ जाने के कारण पाकिस्तान पर यह धनराशि जल्द वापस करने का दबाव है। ऐसे में चीन ने सहायता करके पाकिस्तान की इज्जत बचाई है। बाहरी कर्जों को चुकाने के लिए वह चीन से लगातार कर्ज ले रहा है।
पाकिस्तान ऐसे मुकाम पर है, जहाँ पहले कभी नहीं था। पाकिस्तानी साप्ताहिक अखबार फ्रायडे टाइम्स में कार्टून
जानकारी मिली है कि चीन ने पाकिस्तान को डेढ़ अरब डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ भारतीय रुपये) की सहायता स्वीकृत की है। इस धनराशि से पाकिस्तान सऊदी अरब के दो अरब डॉलर (करीब 14,500 करोड़ रुपये) का कर्ज चुकाएगा। पाकिस्तान ने सऊदी अरब के बकाया एक अरब डॉलर लौटा दिए हैं और बाकी एक अरब डॉलर जनवरी में चुकाने का वायदा किया है। यह जानकारी पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने वहाँ के अखबार ट्रिब्यून को दी है।

पैसा किस मद में दिया चीन ने नहीं बताया

बताया गया है कि चीन ने यह धनराशि अपने विदेशी विनिमय प्राधिकार के जरिये नहीं दी है और न ही इसे वित्तीय ऋण के रूप में दिया गया है। यह धनराशि किसी अन्य मद से दी गई है जिसे चीन ने स्पष्ट नहीं किया है। पाकिस्तान को दी जाने वाली धनराशि के लिए शर्तें भी चीन सार्वजनिक नहीं करता है।

बढ़ता जा रहा चीनी कर्ज का बोझ

पाकिस्तान पर चीन के कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। इससे पहले नवंबर में पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत मेनलाइन-1 रेल परियोजना के लिए चीन से 2.7 अरब डॉलर का कर्ज लेने का फैसला किया था। पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक के अनुसार चीनी कर्ज के एवज में पाकिस्तान ने पिछले वित्तीय वर्ष में ही 20.5 अरब पाकिस्तानी रुपये का ब्याज चुकाया है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान का सबसे बड़ा कर्जदाता चीन बना है। वह पाकिस्तान की योजनाओं के लिए ही कर्ज नहीं दे रहा बल्कि अन्य देशों का कर्ज चुकाने के लिए भी धनराशि मुहैया करा रहा है।

पहले पैसे लौटाओ, सऊदी ने गैस आपूर्ति रोकी

2018 में प्रधानमंत्री इमरान खान के दो बार के दौरे के बाद सऊदी अरब पाकिस्तान को तीन साल के लिए 6.2 अरब डॉलर का कर्ज देने को तैयार हुआ था। इसमें तीन अरब डॉलर नकद और बाकी धनराशि तेल और गैस के रूप में मिली है। तेल और गैस मूल्य का कर्ज हर एक साल बाद चुकाना था। इस लिहाज से पाकिस्तान को हर साल तेल और गैस मूल्य के एक अरब डॉलर चुकाने हैं। इसके अतिरिक्त तीन अरब डॉलर के नकद कर्ज पर भी पाकिस्तान को 3.2 प्रतिशत का ब्याज सऊदी अरब को देना है। पाकिस्तान इन्हीं शर्तों का पालन करते हुए सऊदी अरब का बकाया चुकाएगा। बकाया के कारण सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तेल और गैस की आपूर्ति रोक रखी है।

चीन और मालदीव में खींचतान

उधर बीबीसी हिंदी ने खबर दी है कि मालदीव और चीन के बीच क़र्ज़ भुगतान को लेकर सार्वजनिक रूप से कहासुनी हुई है। मालदीव में चीन के क़र्ज़ को लेकर हमेशा से चिंता जतायी जाती रही है लेकिन पिछले हफ़्ते यह कलह सार्वजनिक मंच पर आ गई।

नशीद का ट्वीट

यह कहासुनी मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और मौजूदा संसद के स्पीकर मोहम्मद नाशीद और मालदीव में चीन के राजदूत चांग लिचोंग की बीच ट्विटर पर हुई। नाशीद ने 11 दिसंबर को ट्वीट किया था कि अगले दो हफ़्तों में मालदीव को क़र्ज़ की बड़ी रक़म चीनी बैंकों को भुगतान करनी है।

China asks Maldives to pay up 'private loan': Reports

चीनी राजदूत का जवाब

उनके इस ट्वीट में किए गए दावे को चीनी राजदूत ने ख़ारिज कर दिया। चीनी राजदूत ने कहा कि मालदीव को क़र्ज़ का भुगतान करना है लेकिन रक़म उतनी बड़ी नहीं है, जैसा कि नाशीद दावा कर रहे हैं।
( लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। सौजन्य: जिज्ञासा)