डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने अपनी सेवाओं से जुड़ा एक अपडेट साझा किया है। फिनटेक कंपनी ने कहा कि उसे ऑनलाइन व्यापारियों के लिए भुगतान एग्रीगेटर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्राधिकरण के पास फिर से आवेदन करना होगा। इस संबंध में उसे भारतीय रिजर्व बैंक से एक पत्र प्राप्त हुआ है। पेटीएम ने यह बात रिजर्व बैंक की ओर से पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज के तहत ऑनलाइन मर्चेंट्स को अपने प्लेटफार्म से जोड़ने पर रोक लगाने के बाद कही गई है।कंपनी ने कहा है कि वह अब भुगतान एग्रीगेटर सेवाओं के लिए 120 कैलेंडर दिनों के भीतर आवेदन फिर से जमा करेगी। बता दें कि पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन75 कम्यूनिकेशंस ने भारतीय रिजर्व बैंक को दिसंबर 2020 में एक आवेदन दिया था। आवेदन में पेमेंट एग्रीगेटर सेवाओं के व्यवसाय को पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज (PPSL) में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, आरबीआई ने उस आवेदन को खारिज कर दिया था। उसके बाद कंपनी ने सितंबर 2021 में जरूरी दस्तावेज  दोबारा जमा करवाए थे।

इस प्रक्रिया के दौरान कंपनी नए ऑनलाइन मर्चेंट्स को ऑनबोर्ड नहीं करेगी। कंपनी ने शनिवार को अपने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “हम नए ऑफ़लाइन व्यापारियों को ऑनबोर्ड करना जारी रख सकते हैं और उन्हें ऑल-इन-वन क्यूआर, साउंडबॉक्स, कार्ड मशीन आदि सहित भुगतान सेवाओं की पेशकश कर सकते हैं। इसी तरह पीपीएसएल मौजूदा ऑनलाइन व्यापारियों के साथ व्यापार करना जारी रख सकता है।”

इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि पेटीएम की मजबूत व्यावसायिक गति जारी रहने की संभावना है, इसके लाभप्रदाता लक्ष्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि कंपनी अपने मौजूदा ऑनलाइन व्यापारियों के साथ काम करना जारी रख सकती है। (एएमएपी)