मिजोरम चुनाव के परिणाम घोषित हो गए हैं। जेडपीएम (जोरम पीपल्स मूवमेंट) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सूबे की 27 सीटों पर जीत हासिल की है और सरकार बनाने जा रही है। इस पार्टी का नेतृत्व पूर्व आईपीएस अफसर और लोकसभा सांसद लालदुहोमा कर रहे हैं। वह सिरछेप सीट से चुनाव जीत गए हैं। वहीं मिजो नेशनल फ्रंट की करारी हार हुई है। वह सिर्फ 10 सीटों पर सिमट गई है। भाजपा ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस 1 सीट पर सिमट गई है।

जीत दर्ज करने वाले जेडपीएम के प्रमुख नेताओं में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा शामिल हैं। उन्होंने सेरछिप सीट पर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,982 वोटों से हराया। इस बीच मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने सोमवार शाम को राज्यपाल हरी बाबू कंभमपति से मुलाकात की। उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट की हार के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया।

इन दिग्‍गजों को करना पड़ा हार का सामना

चुनाव में जिन दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा, उनमें उप मुख्यमंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार तावंलुइया शामिल हैं। उन्हें तुइचांग में जेडपीएम उम्मीदवार ने हराया। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार आर लालथंगलियाना दक्षिण तुईपुई में जेडपीएम के जेजे लालपेखलुआ से हार गए। ग्रामीण विकास मंत्री लालरुआत्किमा को आइजोल वेस्ट-द्वितीय सीट पर जेडपीएम के उम्मीदवार लालनघिंगलोवा हमार से हार झेलनी पड़ी।

हमारी मुख्य प्राथमिकता कृषि : चावंगलियाना

जेडपीएम के उपाध्यक्ष केनेथ चावंगलियाना ने कहा, ‘हमारी मुख्य प्राथमिकता कृषि होगी। हमें मिजोरम को खाद्य उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। फिर बिजली और संचार और हमारी युवा पीढ़ी के मामलों को ठीक करना है।’  जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने कहा, ‘मिजोरम वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। हमें निवर्तमान सरकार से यही विरासत मिलने वाली है। हम अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने जा रहे हैं। वित्तीय सुधार आवश्यक है और इसके लिए हम एक संसाधन जुटाने वाली टीम बनाने जा रहे हैं।’

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बता दें कि मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान सात नवंबर को हुआ था। इस दौरान 8.57 लाख मतदाताओं में से 80 फीसदी से ज्यादा ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। चुनाव में 18 महिलाओं सहित कुल 174 उम्मीदवार मैदान में थे। एमएनएफ, जेडपीएम और कांग्रेस ने 40-40 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि भाजपा ने 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। आम आदमी पार्टी (आप) ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसके अलावा 17 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।(एएमएपी)