राज्य कैबिनेट की महत्वपूर्ण निर्णय के बाद तीर्थ नगरी के विकास को लगेंगे पंख।
पौराणिक काल से यहां अर्ध कुंभ और महाकुंभ का आयोजन होता आया है। जी-20 जैसा महत्वपूर्ण और सफल आयोजन यहां हो चुका है। अपने आप में महत्वपूर्ण तीर्थ नगरी ऋषिकेश में बड़ी संख्या में मंदिर, मठ, आश्रम, आध्यात्मिक केंद्र और योग केंद्र का संचालन होता आया है। धरातल पर अपनी पहचान के मुताबिक इस शहर को वह स्थान नहीं मिल पाया जिसका यह हकदार था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को राजधानी में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि ऋषिकेश को उज्जैन और काशी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। कैबिनेट का यह फैसला निश्चित रूप से तीर्थ नगरी ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र के लिए एक बड़ी संजीवनी साबित होगा। कई महत्वाकांक्षी योजनाएं ऐसी हैं जो वर्षों से प्रस्तावित है मगर, धरातल पर नहीं उतर पाई हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश, योग नगरी रेलवे स्टेशन की सौगात इसे मिल चुकी है।
महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का मुख्यालय यहीं पर है और इस परियोजना का प्रथम रेलवे स्टेशन भी ऋषिकेश में ही है। देहरादून एयरपोर्ट की दूरी यहां से मात्र 20 किलोमीटर है। चार धाम यात्रा और गढ़वाल मंडल का यह प्रवेश द्वार भी है। वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग सभी से जुड़ा होने के कारण ऋषिकेश का महत्व और बढ़ जाता है। राज्य कैबिनेट के फैसले के बाद निश्चित रूप से ऋषिकेश के लिए लंबित जितनी भी योजनाएं हैं, उन्हें पंख लग जाएंगे इसकी सभी को उम्मीद है।
ऋषिकेश को है इनका परियोजनाओं का इंतजार
- हर की पैड़ी हरिद्वार की तर्ज पर त्रिवेणी घाट का विकास
- गंगा से मात्र 100 मीटर की दूरी पर कूड़े के पहाड़ का निस्तारण
- नेपाली फार्म से लेकर तपोवन मुनि की रेती तक एलोवेटेड रोड और फ्लाईओवर का निर्माण
- नगर तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए सीवर योजना का पुनर्गठन
- नगर निगम को आर्थिक और मानव संसाधन के रूप में मजबूती
- तीर्थ नगरी के लिए ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण
- नगर तथा आसपास क्षेत्र में बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण
- बड़ी फल एवं सब्जी मंडी का विस्तारीकरण
- गंगा में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों का संचालन
- नगर क्षेत्र का नया ड्रेनेज सिस्टम, सड़कों का विस्तार और पुनर्गठन
- त्रिवेणी घाट को आस्था पत्र के जरिए मुनि की रेती से जोड़ना
- वन भूमि क्षेत्र में कई वर्षों से विकसित नगर निगम क्षेत्र की आबादी का नियमितीकरण
- पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण संजय झील का विकास
नगर निगम ऋषिकेश, महापौर अनीता ममगाईं का कहना है कि भारत स्वच्छता अभियान के तहत ऋषिकेश को आदर्श नगर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पहले से प्रयासरत रहे हैं। यही कारण है कि कई बड़े ड्रीम प्रोजेक्ट ऋषिकेश को मिले हैं। कैबिनेट के फैसले से नगर निगम की नई प्रस्तावित योजनाएं धरातल पर उतरेगी और निश्चित रूप से ऋषिकेश में इसके महत्व के अनुरूप विकास को गति मिलेगी।(एएमएपी)



