सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजनाओं में से एक
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 24 फरवरी, 2019 को शुरू की गई यह महत्वाकांक्षी योजना दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजनाओं में से एक है। यह योजना करोड़ों किसानों तक लाभ पहुंचाने में सफल रही है, और ख़ास बात यह है कि इसमें बीच का कोई बिचौलिया शामिल नहीं है। भारत सरकार लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए, इकठ्ठा राशि जारी करने वाले कार्यक्रमों के दौरान माननीय प्रधानमंत्री द्वारा एक बटन दबाने के कुछ ही मिनटों के भीतर योजना का लाभ हस्तांतरित करने में सफल रही है।
अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता दी गई
पीएम किसान के तहत किसी भी किश्त अवधि के लिए लाभ जारी करने की संख्या अब 10 करोड़ किसानों को पार कर गई है। शुरुआत में यह संख्या 3.16 करोड़ थी, अर्थात 3 वर्षों में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। पीएम किसान योजना ने 3 से अधिक वर्षों के दौरान करोड़ों जरूरतमंद किसानों को सफलतापूर्वक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता प्रदान की है। इस राशि में से 1.6 करोड़ रुपये से अधिक की राशि कोविड महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के बाद से अंतरित की जा चुकी है। पीएम किसान एक उभरती हुई योजना है और यह योजना प्रत्येक किसान द्वारा स्व-प्रमाणन पर निर्धारित किसानों की पात्रता के साथ शुरू की गई थी। राज्यों द्वारा किसानों के पंजीकरण एवं सत्यापन के तरीके में समय के साथ सुधार किए गए हैं।
योजना की सफलता प्रमाणीकरण के लिए समय के साथ शुरू किए गए सुधारों में
इस योजना की सफलता किसान विवरण के सत्यापन और प्रमाणीकरण के लिए समय के साथ शुरू किए गए सुधारों में निहित है। प्राथमिक स्तर की जांच के लिए इसकी स्थापना के बाद से कुछ अनिवार्य क्षेत्र बनाये गए हैं। राज्यों द्वारा पात्र किसानों के डाटा की जांच तथा सत्यापन करने के बाद, इसे पीएम किसान पोर्टल पर अपडेट किया जाता है और इसे वित्तीय विवरणों के सत्यापन के लिए पीएफएमएस को भेजा जाता है। इसके बाद आधार के प्रमाणीकरण के लिए यूआईडीएआई सर्वर पर; आयकर दाता का स्टेटस चेक करने के लिए इनकम टैक्स सर्वर को, और फिर एनपीसीआई को बैंक खातों की आधार सीडिंग को सत्यापित करने के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है। इसने सरकार को मौजूदा और नए लाभार्थियों के निरंतर सत्यापन एवं प्रमाणीकरण में सक्षम बनाया है।
डिजिटल इकोसिस्टम के निर्माण के लिए भी है ये कदम
पीएम किसान भारत में किसानों को सरकारी सहयोग की प्रकृति में एक बड़ा बदलाव है और नागरिकों तक सीधे पहुंचने के लिए सुशासन तथा डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं के उपयोग के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है। सरकार ने पीएम किसान के कार्यान्वयन में डिजिटल तकनीकों के व्यापक उपयोग का लाभ उठाते हुए कृषि या एग्री स्टैक के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम के निर्माण के लिए भी कदम उठाए हैं। यह कृषि क्षेत्र में एक और डिजिटल सार्वजनिक सार्थक पहल साबित होगी, जिसमें पीएम किसान डेटा का उपयोग राज्यों द्वारा बनाए जाने वाले संघबद्ध किसानों के डेटाबेस के आधार के रूप में किया जाएगा।
किसानों का भुगतान ई-केवाईसी और आधार पेमेंट ब्रिज (एपीबी) से
एग्री स्टैक का निर्माण सरकार को सभी पात्र किसानों के साथ पीएम किसान योजना को जोड़ने और योजना के परिचालन दिशानिर्देशों के अनुसार सभी मौजूदा लाभार्थियों को फिर से सत्यापित करने का अवसर प्रदान करता है। इस प्रकार मौजूदा लाभार्थियों के भूमि विवरण को राज्यों के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार देखा तथा परखा जा रहा है, ताकि भविष्य में राज्यों के डिजिटल भूमि रिकॉर्ड के साथ गतिशील जुड़ाव सुचारू रूप से सुनिश्चित हो सके। योजना में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा किसानों का ई-केवाईसी और आधार पेमेंट ब्रिज (एपीबी) का उपयोग कर भुगतान भी शुरू किया गया है। इस पहल से उन किसानों को बाहर निकालने में भी मदद मिलेगी, जिनकी बीच में ही मृत्यु हो गई हो या फिर उन्होंने अपनी जमीन बेच दी हो, और इस बीच योजना के तहत निर्धारित तरीके से बाहर जाने के मानदंड में प्रवेश कर गए हों।
योजना ने कृषि क्षेत्र के समग्र सुधार में योगदान दिया
कई अध्ययन और निष्कर्ष निकल कर सामने आये हैं, जो इशारा करते हैं कि पीएम किसान योजना ने किसानों को कृषि गतिविधियों में उत्पादक निवेश की दिशा में मदद की है। इसके बदले में, गुणक प्रभाव के माध्यम से कृषि क्षेत्र के समग्र सुधार में योगदान दिया गया है। उदाहरण के तौर पर आईसीएआर और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) के सहयोग से किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि इस योजना ने कृषि के लिए आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए किसानों की तरलता की कमी को दूर करने में काफी मदद की है। इसके अलावा, छोटे व सीमांत किसानों के लिए इस योजना से उन्हें न केवल कृषि कार्यों के लिए धन की आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिली है, बल्कि उनके दैनिक उपभोग, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य आकस्मिक खर्चों के लिए भी सहायता मिली है। सही मायने में, हर चार महीने में और किसानों की जरूरत के समय देश में किसानों तक सीधे पहुंचने में पीएम किसान एक परिवर्तनकारी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना साबित हुई है। (एएमएपी)