तमिलनाडु बन रहा है मेक इन इंडिया का प्रमुख ब्रांड एंबेसडर : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, राष्ट्र को समर्पित और शिलान्यास किया। विकास परियोजनाओं में तमिलनाडु में रेल, सड़क, तेल और गैस और शिपिंग क्षेत्र जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी के लिए फलदायी और समृद्ध नए साल की कामना की और प्रसन्नता व्यक्त की कि 2024 में उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम तमिलनाडु में हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं तमिलनाडु की प्रगति को मजबूत करेंगी। उन्होंने राज्य के लोगों को रोडवेज, रेलवे, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, ऊर्जा और पेट्रोलियम पाइपलाइनों के क्षेत्रों में फैली परियोजनाओं के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इनमें से कई परियोजनाओं से यात्रा को बढ़ावा मिलेगा और राज्य में रोजगार के हजारों अवसर भी पैदा होंगे।

तमिलनाडु के लिए पिछले तीन कठिन हफ्तों का जिक्र करते हुए कहा कि जब भारी बारिश हुई तो उसमें कई लोगों की जान चली गई और संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ। प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया और यह भी कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के लोगों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, “हम राज्य सरकार को हरसंभव मदद मुहैया करा रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि अगले 25 वर्षों तक आजादी का अमृत काल भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु भारत की समृद्धि और संस्कृति का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री ने कहा, “तमिलनाडु प्राचीन भाषा तमिल का घर है और यह सांस्कृतिक विरासत का खजाना है।”

तिरुचिरापल्ली की समृद्ध विरासत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां हमें पल्लव, चोल, पांड्य और नायक राजवंशों के सुशासन मॉडल के अवशेष मिलते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी विदेश यात्राओं के दौरान किसी भी अवसर पर तमिल संस्कृति का उल्लेख करते हैं। उन्होंने कहा, “मैं देश के विकास और विरासत में तमिल सांस्कृतिक प्रेरणा के योगदान के निरंतर विस्तार में विश्वास करता हूं।” उन्होंने नई संसद में पवित्र सेनगोल की स्थापना, काशी तमिल और काशी सौराष्ट्र संगमम का उल्लेख उन प्रयासों के रूप में किया, जिनसे पूरे देश में तमिल संस्कृति के प्रति उत्साह बढ़ा है।

प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में सड़क मार्ग, रेलवे, बंदरगाह, हवाई अड्डे, गरीबों के लिए घर और अस्पतालों जैसे क्षेत्रों में भारत के भारी निवेश के बारे में जानकारी दी और उन्होंने भौतिक बुनियादी ढांचे पर सरकार के जोर को रेखांकित किया। उन्होंने भारत के दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने का भी उल्लेख किया, जहां यह दुनिया के लिए आशा की किरण बन गया है। दुनिया भर से भारत में आने वाले भारी निवेश का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका सीधा लाभ तमिलनाडु और उसके लोगों को मिल रहा है, क्योंकि राज्य मेक इन इंडिया के लिए एक प्रमुख ब्रांड एंबेसडर बन गया है। प्रधानमंत्री ने सरकार के दृष्टिकोण को दोहराया जहां राज्य का विकास राष्ट्र के विकास में प्रतिबिंबित होता है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के 40 से अधिक केंद्रीय मंत्रियों ने पिछले वर्ष में 400 से अधिक बार तमिलनाडु का दौरा किया है।

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प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु पर रिकॉर्ड खर्च की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के दशक में राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपये दिये गये थे जबकि पिछले 10 साल में राज्यों को 120 लाख करोड़ रुपये दिये गये। तमिलनाडु को भी 2014 से पहले के 10 वर्षों की तुलना में इस अवधि में 2.5 गुना अधिक पैसा मिला। राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए तीन गुना से अधिक खर्च किया गया और राज्य में रेलवे क्षेत्र में 2.5 गुना अधिक पैसा खर्च किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य के लाखों परिवारों को मुफ्त राशन, चिकित्सा उपचार और पक्के घर, शौचालय और पाइप से पानी जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन भी उपस्थित थे।(एएमएपी)