अगले साल मार्च तक देश में नेटवर्क की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी. भारत के हर गांव में मार्च 2024 तक मोबाइल टावर लग जाएगा. ‘प्रगति’ की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही। बता दें कि बुधवार को पीएम मोदी ने इस बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान यह डेडलाइन तय की गई. इस दौरान प्रधानमंत्री ने ‘यूएसओएफ परियोजनाओं के तहत मोबाइल टावर और 4जी कवरेज’ की भी समीक्षा की। यूएसओएफ के तहत मोबाइल संपर्क बेहतर करने के लिए 24,149 मोबाइल टावर वाले 33,573 गांवों को कवर किया जाना है. पीएम मोदी ने अधिकारियों से सभी हितधारकों के साथ नियमित बैठकें कर चालू वित्त वर्ष में ही सभी वंचित गांवों में मोबाइल टावर की स्थापना सुनिश्चित करने को कहा. इसके अलावा प्रगति बैठक में कई और योजनाओं को लेकर चर्चा की गई।


प्रगति की बैठक में पीएम मोदी ने सात राज्यों में मौजूद लगभग 31 हजार करोड़ रुपये की सामूहिक लागत वाली आठ प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. प्रगति बैठक में शामिल परियोजनाओं में चार जलापूर्ति एवं सिंचाई से संबंधित थीं, दो राष्ट्रीय राजमार्गों एवं संपर्क विस्तार से संबंधित थीं जबकि दो अन्य परियोजनाएं रेल एवं मेट्रो रेल संपर्क से संबंधित थीं।

परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 31000 करोड़

इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 31,000 करोड़ रुपये है. इसमें सात राज्यों में बिहार, झारखंड, हरियाणा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं. बता दें कि ‘प्रगति’ केंद्र और राज्यों से जुड़ी परियोजनाओं के सक्रिय प्रशासन व समयबद्ध कार्यान्वयन का एक बहु-स्तरीय मंच है. समीक्षा बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में परियोजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले सभी हितधारक बेहतर समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं और टीम बना सकते हैं।

मोबाइल नेटवर्क की समस्या दूर करने की डेडलाइन हुई तय

मीडिया के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रगति’ की बैठक में देरी के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए मोबाइल नेटवर्क की समस्याएं खत्म करने के लिए डेडलाइन तय कर दी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय लोगों की बांधों के निर्माण के संबंध में आपत्तियां हो सकती हैं, लेकिन संचार नेटवर्क को बढ़ाने के लिए वे दूरसंचार टावरों को स्थापित करने के पक्ष में हैं।

पीएम मोदी ने मोबाइल टावर और 4जी कवरेज की समीक्षा

प्रगति की इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने ‘यूएसओएफ परियोजनाओं के तहत मोबाइल टावर और 4जी कवरेज’ की समीक्षा भी की। अधिकारियों ने जब काम में देरी की वजह बताते हुए जमीन की उपलब्धता नहीं होने और दूरदराज स्थानों का हवाला दिया तो पीएम मोदी ने बांधों के निर्माण की तुलना दूरसंचार टावरों से की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकारियों ने कार्य पूरा करने के लिए ये सुझाव दिया कि अधिक समय की आवश्यकता है, तो पीएम मोदी ने कहा कि वित्तीय वर्ष के अंत तक काम पूरा हो जाना चाहिए। बैठक में पीएम मोदी ने गुजरात में 66 टावरों की स्थापना में हो रही देरी को लेकर भी चिंता व्यक्त की।

अन्य परियोजनाओं पर भी दिए निर्देश

सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र और झारखंड में बांध और सिंचाई संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए पीएम ने जल संसाधन मंत्रालय और राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इन परियोजनाओं के निर्माण के साथ-साथ नहरें भी बनाई जाएं। पीएमओ ने कहा कि मोदी ने निर्देश दिया कि उच्च जनसंख्या वाले शहरी क्षेत्रों में परियोजनाओं को क्रियान्वित करने वाले सभी हितधारकों को बेहतर समन्वय के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए और टीमें बनानी चाहिए। सिंचाई परियोजनाओं के लिए, पीएम मोदी ने सलाह दी कि जहां सफल पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य किया गया है, वहां हितधारकों के दौरे आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसी परियोजनाओं का परिवर्तनकारी प्रभाव हितधारकों को प्रेरित कर सकता है।   (एएमएपी)