10 सीटों पर लड़ेगी पीएमके
भारतीय जनता पार्टी और तमिलनाडु की पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के बीच मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए राज्य स्तर पर सीटों के बंटवारे पर समझौता हो गया। डॉ. एस रामदॉस के नेतृत्व वाली पीएमके राज्य की 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई और पीएमके संस्थापक रामदॉस ने यहां थाइलापुरम स्थित आवास पर समझौते पर हस्ताक्षर किए। पीएमके वन्नियार समुदाय को अपील करने वाली पार्टी है। इसका उत्तर तमिलनाडु के जिलों में खासा प्रभाव है।
तमिलनाडु के लोग बदलाव चाहते हैं : पीएमके अध्यक्ष
सीट बंटवारे के समझौते के बाद पत्रकारों से बातचीत में के अन्नामलाई ने कहा कि पीएमके के भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने से राज्य का राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है। अब दोनों नेता डॉ. एस रामदॉस और अंबुमणि रामदॉस आज सेलम में प्रधानमंत्री की सार्वजनिक सभा में हिस्सा लेंगे। वहीं, पीएमके अध्यक्ष अंबुमणि रामदॉस ने कहा कि आज पार्टी ने तमिलनाडु में एनडीए में शामिल होने का फैसला किया है। पिछले 57-58 वर्षों में राज्य पर शासन करने वाली पार्टियों ने तमिलनाडु को बर्बाद कर दिया है। लोग बदलाव चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निश्चित रूप से तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। पीएमके को तमिलनाडु में 10 सीटें मिली हैं और उन्हें विश्वास है कि तमिलनाडु के साथ-साथ पूरे देश में एनडीए को बड़ी जीत मिलेगी।
#WATCH | Tamil Nadu BJP President K Annamalai and Pattali Makkal Katchi (PMK) President Anbumani Ramadoss hold a meeting to discuss seat sharing in Tamil Nadu for the upcoming Lok Sabha elections. pic.twitter.com/pibk0564oN
— ANI (@ANI) March 19, 2024
गठबंधन से भाजपा को मिलेगा फायदा
यह गठबंधन तमिलनाडु में भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है। राज्य के प्रभावशाली वन्नियार समुदाय के बीच पीएमके की पैठ है। उत्तर तमिलनाडु के बड़े इलाके में अंबुमणि के दल की पकड़ मानी जाती है। ऐसे में अब तक जनाधार विहीन रही भाजपा को एक बड़े वर्ग में पैठ बनाने का मौका मिलेगा। सूत्रों के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में दक्षिण के राज्यों से 50 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में तमिलनाडु में गठबंधन को मजबूती मिलना भाजपा के लिए फायदेमंद है।
एआईएडीएमके को लगा झटका
यही नहीं इस समीकरण के चलते राज्य के मुख्य विपक्षी दल एआईएडीएमके को भी झटका लगा है, जो उम्मीद कर रही थी कि चुनाव तक भाजपा संग गठजोड़ हो जाएगा। दरअसल, पहले पीएमके का गठजोड़ एआईएडीएमके के साथ ही था, लेकिन अंबुमणि रामदास ने तय किया कि इस बार भाजपा के साथ ही लोकसभा चुनाव में उतरा जाए। उन्होंने एआईएडीएमके को भी एनडीए के खेमे में वापस लाने की कोशिश की, लेकिन उस पर सहमति नहीं बन सकी। अंत में मंगलवार को बीजेपी चीफ के. अन्नामलाई थैलापुरम पहुंचे और वहां पीएमके लीडरशिप से मीटिंग के बाद सीट शेयरिंग की डील हुई। गौरतलब है कि तमिलनाडु में इंडिया अलायंस का भी मजबूत गठजोड़ है। यहां कांग्रेस और डीएमके साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। (एएमएपी)