दिल्ली की हवा में घुला पटाखों का जहर, प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी में
दिल्ली वालों ने दिवाली पर इतने पटाखे जलाए कि एक बार फिर पूरा शहर धुआं-धुआं हो गया। ऐसा नहीं है कि दिल्ली की हवा पहले जहरीली नहीं थी, लेकिन बारिश ने इस जहर को काफी कम कर दिया था। इसी बीच दिवाली आ गई, इस मौके पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की, जिससे प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में आ गया।
दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए पटाखों का शोर देर रात तक गूंजता रहा। अब पॉल्यूशन का लेवल एक्यूआई पर 900 पार हो चुका है। इस वजह से दिल्लीवासियों को अगले आदेश तक ग्रैप-4 की पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को सचिवालय में समीक्षा बैठक के बाद बताया कि दिल्ली में पाबंदियां अभी जारी रहेंगी। इसके अलावा एंडी डस्ट कैंपेन को 15 दिन के लिए बढ़ाने और हाथ सेंकने के लिए लकड़ी जलाने पर भी रोक लगाई गई है।
ग्रैप के स्टेज-4 की पाबंदियां जारी रहेंगी
गोपाल राय ने कहा कि सीएक्यूएम की अगली बैठक तक दिल्ली में ग्रैप के स्टेज-4 की पाबंदियां जारी रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल की गाड़ियों पर पाबंदी रहेगी। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति वाले ट्रकों को छोड़कर अन्य पर पाबंदी रहेगी। सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रको को प्रतिबंध से छूट दी गई है।’
18 तक स्कूल बंद रखने का फैसला
गोपाल राय ने कहा, ‘दिल्ली में सभी तरह के कंस्ट्रक्शन पर भी प्रतिबंध जारी रखने का फैसला लिया गया है। 18 तक स्कूल बंद रखने का फैसला भी जारी रहेगा। 13 हॉट स्पॉट पर मॉनिटरिंग को सख्त किया जाएगा। 7 अक्टूबर से 7 नवंबर तक एंडी डस्ट कैंपेन चलाया गया। इसे 15 दिनों के लिए बढ़ाते हुए 30 नवंबर तक जारी रखा जाएगा।’ उन्होंने कहा कि एंटी ओपन बर्निंग (हाथ सेंकने के लिए लकड़ी जलाने पर) एक महीने के लिए रोक रहेगी। इसके लिए 611 टीमों की ड्यूटी लगाई जा रही है। उन्होंने दिल्ली की जनता से ‘ग्रीन दिल्ली ऐप’ डाउनलोड करने की अपील करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधि दिखने पर वॉर रूम को सूचित करें।
#WATCH | As Delhi air quality dips, Delhi Environment Minister Gopal Rai flags off special water sprinkler campaign from Delhi Secretariat pic.twitter.com/xT5SfDNrPP
सरकार ने आतिशबाजी के लिए यूपी और हरियाणा को बताया जिम्मेदार
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 215-20 तक पहुंच गया था। लेकिन रात में जिस तरह टारगेटेड तरीके से दिल्ली, यूपी और हरियाणा में पटाखे जलाने की घटनाएं हुईं उससे प्रदूषण का स्तर भी बढ़ते-बढ़ते 315-20 तक पहुंच गया। उन्होंने आतिशबाजी के लिए यूपी और हरियाणा की सरकार को भी जिम्मेदार बताया। गोपाल राय ने कहा, ‘दिल्ली में पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध था लेकिन पटाखे जले जो उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अगर सख्ती से प्रतिबंध होता तो वहां भी लोगों को पटाखे नहीं मिलते। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली पुलिस की निगरानी के बीच से एक आम आदमी पटाखों को एक राज्य से दूसरे राज्य में सप्लाई नहीं कर सकता है। तीनों राज्यों में भाजपा के नियंत्रण वाली पुलिस व्यवस्था है। अगर वह सक्रियता से काम करते तो रातों रात प्रदूषण में 100 अंकों की बढ़ोतरी से हम बच सकते थे।’
बारिश से मिली थी राहत
दिल्ली-एनसीआर में नवंबर शुरू होते ही पॉल्यूशन का लेवल बेहद गंभीर स्तर तक पहुंच चुका था, लोग परेशान थे कि कैसे इस प्रदूषण से निजात पाई जाए। दिल्ली सरकार ने तो कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी कर ली थी, लेकिन तभी शुक्रवार 10 नवंबर को दिल्ली और एनसीआर में जमकर कुदरती बारिश हो गई। जिसने पॉल्यूशन के लेवल को 900 से कम कर 200 के नीचे ला दिया। इसके बाद 10 नवंबर से लेकर 12 नवंबर तक लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली और आसमान में धुआं भी नहीं दिखा। लेकिन दिवाली की रात के बाद जो सुबह हुई उसकी हवा फिर से जहरीली थी।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, 12 नवबंर यानी दिवाली की सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स करीब 200 के आसपास था। मंदिर मार्ग में 201, आनंद विहार में 266 और आरके पुरम में 241 एक्यूआई था। इसके बाद जब 12 नवंबर की शाम यानी दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई तो सुबह 13 नवंबर को एक्यूआई के लेवल कुछ जगहों पर 900 पार हो गया। यानी प्रदूषण का स्तर करीब 5 गुना ज्यादा बढ़ गया। हालांकि दिवाली से ठीक पहले हुई बारिश के चलते पिछले कुछ सालों की दिवाली के मुकाबले इस बार दिवाली पर प्रदूषण का स्तर काफी कम है। (एएमएपी)