दूसरी तरफ, सुप्रिया सुले के बयान के बाद एनसीपी की भूमिका को लेकर सवाल खड़ा किया जाने लगा है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के नेता संजय राऊत ने कहा कि सुप्रिया सुले का बयान गुमराह करने वाला है। जिस तरह से शिवसेना में विधायकों ने पार्टी नेतृत्व की विचारधारा के विरुद्ध काम किया, ठीक उसी तरह एनसीपी से भी विधायक टूटे और पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध काम किया है। यह फूट नहीं, तो और क्या है। कोई कुछ भी कहे, जनता इस फूट का मतलब अच्छी तरह जानती है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने भी कहा कि एनसीपी में फूट हुई है। इस फूट का मामला चुनाव आयोग के समक्ष चल रहा है। इतना ही नहीं, एनसीपी के कई विधायकों पर कार्रवाई करने की मांग विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष की गई है। इसके बाद अगर पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी में फूट नहीं है, तो यह उनकी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि शरद पवार बहुत ही सुलझे हुए नेता हैं। उनका धीरे-धीरे मत परिवर्तन होगा और वे बहुत जल्द भाजपा को समर्थन देंगे।(एएमएपी)