टी20 विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने भारत को 10 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई है। इस मैच में भारतीय टीम ने इंग्लैंड के सामने 169 रन का लक्ष्य रखा था। एडिलेड के इतिहास को ध्यान में रखते हुए यह लक्ष्य भारत की जीत के लिए काफी था, लेकिन अहम मौके पर भारतीय गेंदबाज फ्लॉप रहे और 16 ओवर में एक विकेट नहीं ले पाए। इसी वजह से टीम इंडिया यह मैच 10 विकेट से हार गई। इंग्लैंड के लिए जोस बटलर और एलेक्स हेल्स ने शानदार बल्लेबाजी की। दोनों ने 16 ओवर में 170 रनों की नाबाद साझेदारी कर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचा दिया। आइए जानते हैं 168 रन का स्कोर बनाने के बावजूद भारतीय टीम कैसे 10 विकेट से हार गई।

टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब थी। पहले लोकेश राहुल पवेलियन लौटे फिर रोहित 27 रन की धीमी पारी खेलकर आउट हो गए। अहम मैच में सूर्यकुमार भी कुछ खास नहीं कर पाए। ऐसे में टीम इंडिया मुश्किल में फंस गई थी, लेकिन विराट और हार्दिक ने एक बार फिर बेहतरीन साझेदारी कर भारतीय पारी को संभाला। विराट अर्धशतक लगाने के बाद आउट हो गए, लेकिन अहम मौके पर हार्दिक ने फिनिशर की भूमिका निभाई और टीम इंडिया का स्कोर 168 रन तक पहुंचा दिया। इसी वजह से 75 रन पर राहुल, रोहित और सूर्यकुमार का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम 168 रन बनाने में सफल रही।

इंग्लैंड ने सलामी जोड़ी का कमाल

169 रन का पीछा करते हुए इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने तूफानी शुरुआत की। इस मैच में लक्ष्य का बचाव करने के लिए भारत को पावरप्ले में कम से कम दो विकेट की जरूरत थी, क्योंकि इंग्लैंड की बल्लेबाजी में गहराई है और दसवें नंबर तक खिलाड़ी बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इंग्लैंड की सलामी जोड़ी ने 170 रन की साझेदारी कर मैच को एकतरफा अंदाज में इंग्लैंड को जीत दिला दी। कप्तान जोस बटलर ने 49 गेंद में 80 रन बनाए। उन्होंने नौ चौके और तीन छक्के लगाए। वहीं, एलेक्स हेल्स ने 47 गेंद में 86 रन बनाए। उनकी पारी में चार चौके और सात छक्के शामिल थे।

अहम मैच में फ्लॉप हुए गेंदबाज

सेमीफाइनल में मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने खराब शुरुआत से वापसी करते हुए भारत का स्कोर 168 रन तक पहुंचा दिया था। भारत की जीत के लिए यह लक्ष्य काफी था। इस टूर्नामेंट में भारतीय गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया था। ऐसे में टीम इंडिया की जीत की संभावना थी। हालांकि, अहम मौके पर भारतीय गेंदबाज फ्लॉप हो गए। 16 ओवर में में भारतीय गेंदबाजों ने 170 रन लुटा दिए और कोई विकेट नहीं ले पाए।

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रोहित ने छह गेंदबाजों का इस्तेमाल किया और इनमें से चार का इकोनॉमी रेट 11.30 से ज्यादा था। शमी और अश्विन ने तो 13 से ज्यादा के इकोनॉमी रेट से रन दिए। सिर्फ अर्शदीप सिंह और अक्षर पटेल का इकोनॉमी रेट 7.50 का था। हालांकि, ये दोनों भी कोई विकेट नहीं ले पाए।

रोहित की खराब कप्तानी

यह मैच जीतने के लिए भारतीय टीम को शुरुआत में विकेट की जरूरत थी, क्योंकि इंग्लैंड की बल्लेबाजी में गहराई है, लेकिन भारतीय कप्तान के पास इंग्लैंड के बल्लेबाजों को आउट करने का कोई प्लान नहीं था। तीन ओवर तक तेज गेंदबाज पिटे तो रोहित ने अक्षर को गेंदबाजी थमा दी। जबकि अर्शदीप की गेंद स्विंग हो रही थी, लेकिन उन्हें एक ओवर के बाद ही हटा दिया। बीच के ओवरों में भी रोहित के पास विकेट लेने के लिए कोई प्लान बी नहीं था। अक्षर पटेल ने पूरे टूर्नामेंट में निराश किया था, लेकिन इस मैच में भी उन्हें खिलाया गया। पंत को टीम में मौका दिया गया, लेकिन वह फिनिशर के रूप में खेले। इसी वजह से भारतीय टीम इस मैच में लड़ने का जज्बा तक नहीं दिखा पाई।

फिर फ्लॉप हुए ओपनर

इस टूर्नामेंट में भारत की सलामी जोड़ी ने लगातार निराश किया है। कप्तान रोहित सिर्फ नीदरलैंड के खिलाफ अर्धशतक लगा पाए। वहीं, केएल राहुल ने बांग्लादेश और जिम्बाब्वे के खिलाफ अर्धशतकीय पारी खेली, लेकिन यह जोड़ी किसी मैच में भारत को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाई है। इस मैच में भी लोकेश राहुल पांच रन बनाकर आउट हो गए और पावरप्ले में भारत के बड़ा स्कोर बनाने की उम्मीद खत्म हो गई। इसके बाद रोहित शर्मा भी 28 गेंद में 27 रन बनाकर आउट हुए। उनकी इस धीमी पारी की वजह से भारत शुरुआती 10 ओवरों में सिर्फ 62 रन बना पाया।

पंत का चयन समझ से परे

इस मैच में दिनेश कार्तिक की जगह ऋषभ पंत को मौका दिया गया था। उम्मीद थी कि पंत को मध्यक्रम में मौका दिया जाएगा, क्योंकि वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और भारत के टॉप ऑर्डर में कोई बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं है। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं पंत छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए। इस समय तक 18 ओवर हो चुके थे। आखिरी दो ओवर में पंत को फिनिशर की भूमिका निभानी थी। वह इसके लिए नहीं जाने जाते हैं। कार्तिक पंत से बेहतर फिनिशर हैं। आखिरकार पंत चार गेंद में छह रन बना पाए और जब गेंद उनके बल्ले पर नहीं लग रही थी तो उन्होंने हार्दिक को स्ट्राइक पर लाने के लिए अपना विकेट कुर्बान कर दिया। (एएमएपी)