भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी की किताब प्रणव: माय फदर ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। इस किताब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर कई खुलासे किए गए हैं। इसके अलावा भी वह पार्टी को लेकर खुलकर अपनी राय रखती रही हैं। एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को अपने विचार रखने वाले लोग पसंद नही है।

शीर्ष नेतृत्व को पसंद नहीं कि उनपर कोई जोर डाले

खास बात है कि शर्मिष्ठा लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर हैं। अब वह कांग्रेस से हुए मोहभंग पर भी खुलकर बात कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘विचाराधारा पर बात करें, तो मुझे कांग्रेस में भरोसा है। मैं धर्मनिरपेक्षता और उदारवाद के साथ हूं, लेकिन अब इसकी स्थिति देखिए। ये वह सब कर रहे हैं, जिसका आरोप ये भाजपा पर लगाते थे।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे पता लगा कि शीर्ष नेतृत्व को यह नहीं पसंद कि उनपर कोई जोर डाले। वह ऐसे किसी व्यक्ति को भी सहन नहीं करते थे, जिसकी अपनी खुद की कोई सोच हो। वे उदारवादी होने का दावा करते हैं, लेकिन वे खुद और उनके समर्थक इतनी असहीष्णुता क्यों दिखाते हैं।’

पिता ने कहा- राहुल के लिए नहीं बनी राजनीति

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब में बताया था कि राहुल गांधी ने 27 सितंबर, 2013 को पूर्व कैबिनेट मंत्री और पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख अजय माकन द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रें में भाग लिया था और प्रस्तावित सरकारी अध्यादेश को पूरी तरह से बकवास कहा था। फिर सभी को आश्चर्यचकित करते हुए अध्यादेश की एक प्रति फाड़ दी। उन्होंने अपनी किताब में इस बात का भी जिक्र किया कि उनके पिता ने उन्हें यह भी बताया था कि शायद राजनीति राहुल के लिए नहीं बनी है और उनकी रानजीतिक समझ की कमी उनके लगातार गायब रहने के अलावा एक समस्या पैदा कर रही है।

कांग्रेस के पतन के कारणों पर चर्चा

शर्मिष्ठा का कहना है कि 2014 में राजनीति में शामिल होने के बाद वह अपने पिता के साथ उस वर्ष कांग्रेस के पतन के कारणों पर चर्चा कर रही थीं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के सत्ता में आने के बाद कांग्रेस अब तक के सबसे निचले स्तर 44 सीटों पर आ गई। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने मुझसे कहा कि अन्य कारणों के अलावा राहुल का गुस्सा कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील था। पार्टी के उपाध्यक्ष ने सार्वजनिक रूप से अपनी ही सरकार के प्रति ऐसा तिरस्कार दिखाया था। लोग आपको फिर से वोट क्यों दें?’

पीएम मोदी छूते थे प्रणब मुखर्जी के पैर

किताब में शर्मिष्ठा ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके पिता प्रणब मुखर्जी के पैर छूते थे। उन्होंने लिखा, ‘जब वह पहली बार प्रधानमंत्री बने, तब मेरे पिता ने उन्हें कहा था कि वह उन्हें संविधान पर सलाह देंगे, लेकिन उन्हें राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए।’ मुखर्जी ने भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया। वह विदेश, रक्षा, वित्त और वाणिज्य मंत्री बने। वह भारत के 13वें राष्ट्रपति (2012 से 2017) थे। प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त, 2020 को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।

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प्रणब मुखर्जी ने सोनिया गांधी को लेकर क्या कहा था?

‘द पीएम इंडिया नेवर हैड’ शीर्षक वाले अध्याय में शर्मिष्ठा यह भी लिखती हैं, ‘प्रधानमंत्री पद की दौड़ से हटने के सोनिया गांधी के फैसले के बाद, मीडिया और राजनीतिक हलकों में तेज अटकलें थीं। इस पद के लिए प्रबल दावेदारों के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह और प्रणब के नामों पर चर्चा हो रही थी।’ उनका कहना है, ‘मुझे कुछ दिनों तक बाबा (प्रणब मुखर्जी) से मिलने का मौका नहीं मिला, क्योंकि वह बहुत व्यस्त थे, लेकिन मैंने उनसे फोन पर बात की। मैंने उनसे उत्साहित होकर पूछा कि क्या वह प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। उनका दो टूक जवाब था, ‘नहीं, वह मुझे प्रधानमंत्री नहीं बनाएंगी।’ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह होंगे।’(एएमएपी)