महाभारत कालीन नगरी हस्तिनापुर को योगी सरकार अब इको टूरिज्म के रूप में स्थापित करने की तैयारी कर रही है। जिससे लोग यहां आकर वन्यजीवों के साथ-साथ तमाम तरह की रोमांचकारी जानकारियों से रूबरू हो सकेंगे।

बता दें कि योगी सरकार ने ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट-वन डेस्टिनेशन (ओडीओडी) योजना शुरू की है। जिसके तहत मेरठ के हस्तिनापुर को वन्य जीव विहार के रूप में चुना गया है।

वन्य जीव विहार होगा स्थापित

मेरठ के डीएफओ राजेश कुमार का कहना है कि हस्तिनापुर को जल्द ही एक टूरिज्म के रूप में स्थापित किया जाएगा। जिसका प्लान बना कर राज्य सरकार को भेज दिया गया है जल्द ही इस प्रोजेक्ट को बनाकर जनता को बड़ा उपहार दिया जाएगा। यहां की सड़कों को दुरुस्त कर, गेस्ट हाउस, शौचालय सहित तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

वन विभाग कराएगा जंगल से रूबरू

इस प्रोजेक्ट के माध्यम से लोग यहां की धरोहर, संस्कृति, जलीय जीव सहित जंगल की हर एक जानकारी को नजदीक से देख और समझ सकेंगे। वन विभाग लोगों को लगातार अवेयर भी कर रहा है ताकि जो लोग यहां घूमने आएं वो बिना वन विभाग की अनुमति के जंगल में ना जाये, बल्कि विभाग से संपर्क करने पर उनको खुद यहां के कर्मचारी रेंज से रूबरू कराएंगे और स्थिति देखकर जंगल की भी यात्रा कराएंगे।

हस्तिनापुर में ये रहेगा खास

गंगा नदी में जलीय जीव देखने के लिए वोटिंग, जंगल में घूमने के फुटपाथ, रुकने के लिए गेस्ट हाउस, स्विस टेंट सहित तमाम तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। इतना ही नहीं एडवेंचर एक्टिविटी के लिए भी प्रयास किया जाएगा, ताकि लोगों को हस्तिनापुर वन्य जीव विहार के रूप में एक अच्छा इको टूरिज्म प्लेस मिल सके और लोग इसका भरपूर आनंद उठा सके।

इंटरप्रिटेशन सेंटर होगा अपग्रेड

यहां के इंटरप्रिटेशन सेंटर को और ज्यादा अपग्रेड किया जाएगा ताकि लोग जंगल में जाए बिना भी यहां की हर खूबसूरती और रोमांचकारी चीजों सहित यहां की तमाम धरोहर को देखकर जान सके।

रोजगार के खुलेंगे द्वार

हस्तिनापुर में वन्य जीव विहार इको टूरिस्ट प्लेस बनने से रोजगार को भी काफी बढ़ावा मिलेगा। हस्तिनापुर का खोया हुआ अस्तित्व तो वापस आई ही जाएगा साथ ही रोजगार के अवसर भी मिल जाएंगे।