आपका अख़बार ब्यूरो।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जलियांवाला बाग नरसंहार में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि व्यक्त की है। शनिवार को उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग के शहीदों की देशभक्ति की भावना आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

औपनिवेशिक ब्रिटिश शासन को दमनकारी शक्तियां प्रदान करने वाले ‘रोलेट एक्ट’ के खिलाफ पंजाब के अमृतसर के जलियांवाला बाग में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोगों पर ब्रिटिश सेना ने 1919 में 13 अप्रैल को बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की थी।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जलियांवाला बाग में मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि। स्वराज के लिए प्राणों का उत्सर्ग करने वाली उन सभी महान आत्माओं के प्रति देशवासी सदैव ऋणी रहेंगे। मुझे विश्वास है कि उन बलिदानियों की देश-भक्ति की भावना आने वाली पीढ़ियों को सदा प्रेरित करती रहेगी।’’

आम्बेडकर के आदर्शों को अपनाएं

सभी लोगों को देश के समावेशी विकास के लिए सामूहिक रूप से काम करने के बाबासाहेब के विचारों को अपनाना चाहिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान निर्माता डॉ बी आर आम्बेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर शनिवार को देशवासियों को बधाई देते हुए यह बात कही।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सामाजिक बदलाव के पथप्रदर्शक और विविधता पूर्ण व्यक्तित्व बाबासाहेब आम्बेडकर ने एक विधिवेत्ता, शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनेता के रूप में देश और समाज में असाधारण योगदान दिया।