अमृत काल में भारत के उत्कर्ष का बीज अंकुरित हो रहा है : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सदियों की गुलामी के बावजूद हमारी सांस्कृतिक चेतना नष्ट नहीं हुई। वह बीज के रूप में वर्षा ऋतु का इंतजार करती रही। आज आजादी के अमृत काल में भारत के उत्कर्ष का बीज अंकुरित हो रहा है। गीता में दी गई शिक्षा को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए परिश्रम करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि धाम की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि भविष्य में आने वाले अवतार को समर्पित यह पहला धाम है। इससे पता चलता है कि हम कैसे भविष्य के लिए तैयार रहते हैं। इस दौरान उन्होंने कल्कि धाम के आचार्य प्रमोद कृष्णम के कार्य की प्रशंसा की और कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही मंदिर निर्माण के लिए उन्हें जमीन मिली है।

कई ऐसे अच्छे काम हैं, जो कुछ लोग मेरे लिए ही छोड़ कर चले गए हैं : पीएम मोदी

उन्होंने स्वयं को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि बहुत से धार्मिक और विकास कार्यों की शुरुआत करने का उन्हें अवसर मिला है। उन्होंने कहा, “कई ऐसे अच्छे काम हैं, जो कुछ लोग मेरे लिए ही छोड़ कर चले गए हैं। आगे भी जितने अच्छे काम रह गए हैं, उनको भी संतों और जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से हम पूरा करेंगे।” राम मंदिर का विशेष उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रामलला विराजमान होने से अगले हजारों सालों की भारत की एक नई यात्रा का शुभारंभ हो रहा है। भगवान राम की तरह ही कल्कि अवतार भी हजारों वर्षों की रूपरेखा तय करेगा। हम ये कह सकते हैं कि कल्कि कालचक्र के परिवर्तन के प्रणेता भी हैं और प्रेरणास्रोत भी हैं।

कालचक्र बदल गया है, नए युग की शुरुआत हो चुकी है

मोदी ने कहा कि श्री कल्कि धाम मंदिर परिसर 5 एकड़ में बनकर तैयार होगा। इसका निर्माण कार्य पूरा होने में 5 साल लगेंगे। इस मंदिर का निर्माण भी बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से होगा। सोमनाथ मंदिर और अयोध्या का राम मंदिर भी बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से ही बना है। मंदिर के शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी। इसमें स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। श्री कल्कि धाम मंदिर में 10 गर्भगृह होंगे, जिनमें भगवान विष्णु के 10 अवतारों के विग्रह स्थापित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कालचक्र बदल चुका है अब नए युग की शुरुआत हो चुकी है।

अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर के साक्षी बने अब कल्कि धाम में

मोदी ने इस अवसर पर विपक्ष पर इशारों ही इशारों में हमला बोला। उन्होंने चंदे पर चुटकी लेत हुए कहा है कि आज जमाना ऐसा बदल गया है कि सुदामा अगर पोटली में चावल देते, वीडियो निकल जाती तो सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर हो जाती है कि भगवान कृष्ण भ्रष्टाचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रामलला के विराजमान होने का अलौलिक अनुभव है। अभी भी क्षण भावुक कर जाता है। इसी बीच देश से सैकड़ों किमी दूर अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर के वे साक्षी बने हैं। कल्पना से परे काम भी हकीकत बन रहे हैं। काशी का कायाकल्प और इसी दौर में महाकाल के महालोक की महिमा हम सबने देखी है। आज एक ओर तीर्थों का विकास हो रहा है, तो शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो रहा है। मंदिर बन रहे हैं, तो कॉलेज भी बन रहे हैं विदेशी निवेश भी आ रहा है। ये परिवर्तन प्रमाण है, समय का चक्र घूम चुका है।

देश में विकसित भारत का निर्माण और अपनी विरासत पर गर्व

प्रधानमंत्री ने विकास और विरासत दोनों क्षेत्रों में हो रहे कार्यों में अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाई। उन्होंने कहा कि भारत आज अनुसरण नहीं कर रहा बल्कि उदाहरण बन रहा है। भारत तकनीक और डिजिटल क्षेत्र में संभावनाओं के अवसर के रूप में उभर रहा है। देश में सकारात्मक सोच और ऊर्जा है। हमारी शक्ति अनन्त है और संभावनाएं अपार हैं। आज लोग सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए गरीबों की मदद कर रहे हैं। गरीब की सेवा का यह भाव समाज को नर में नारायण की प्रेरणा देने वाले हमारे आध्यात्मिक मूल्यों से मिली है। इसलिए देश में विकसित भारत का निर्माण और अपनी विरासत पर गर्व है। कहा कि संकल्पना की हमारी यह यात्रा समय से पहले सिद्धि तक पहुंचेगी। हम सशक्त और समर्थ भारत के सपने को शत प्रतिशत पूरा होता देखेंगे।

इस मंदिर में होंगे दस गर्भगृह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस मंदिर में दस गर्भगृह होंगे। सभी स्वरुपों की एक साथ स्थापना हुई है। उन्‍होंने कहा कि आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म-जयंती भी है। ये दिन इसलिए और भी पवित्र और प्रेरणादायक हो जाता है। आज हम देश में जो सांस्कृतिक पुनरोदय देख रहे हैं, अपनी पहचान पर गर्व कर रहे हैं, ये प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से ही मिलती है। मैं इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कई एकड़ में फैला ये विशाल धाम कई मायनों में विशिष्ट होने वाला है। ये ऐसा मंदिर होगा, जिसमें 10 गर्भगृह होंगे और भगवान  के सभी 10 अवतारों को विराजमान किया जाएगा। 10 अवतारों के माध्यम से हमारे शास्त्रों ने केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि अलग-अलग स्वरूप में ईश्वर या अवतार को प्रस्तुत किया। हमने हर जीवन में ईश्वर की ही चेतना के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि इस पवित्र आयोजन का माध्यम भगवान ने उन्हें बनाया है।

मंदिर के साथ-साथ देश भर में नए मेडिकल कॉलेज भी बन रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज एक ओर हमारे तीर्थों का विकास हो रहा है तो दूसरी ओर शहरों में हाई टेक इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार हो रहा है। आज अगर मंदिर बन रहे हैं तो देश भर में नए मेडिकल कॉलेज भी बन रहे हैं। यह परिवर्तन इस बात का प्रमाण है कि समय का चक्र घूम चुका है, एक नया दौर आज हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। इसलिए मैंने लाल किले से कहा था ‘यही समय है, सही समय है।

पिछले 10 वर्ष में हमने एक नये भारत का दर्शन किया : मुख्‍यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में हमने एक नये भारत का दर्शन किया है। इस नये भारत ने हर नागरिक को सुरक्षा के साथ-साथ समृद्धि के नये सोपान दिये हैं। नये भारत में भारत की आस्था का सम्मान भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो पहले असंभव था आज संभव हुआ है, क्योंकि भारत के पास आज यशस्वी नेतृत्व है। यशस्वी नेतृत्व वैश्विक मंच पर भारत का मान बढ़ाता है। भारत के प्रधानमंत्री का जब सम्मान होता है तो सम्पूर्ण भारतवासियों का सम्मान होता है। आज सीमाएं सुरक्षित हैं।

भगवान राम के सारे काज नरेन्द्र मोदी के हाथों हुए : आचार्य प्रमोद कृष्णम

श्रीकल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि त्रेत्रा में राम के रूप में, द्वापर में कृष्ण के रूप में और कलियुग में कल्कि के रूप में आयेंगे। भगवान राम के सारे काज नरेन्द्र मोदी के हाथों हुए हैं। राम मंदिर के रूप में करोड़ों करोड़ लोगों की आकांक्षा पूरी हुई है। कल्किधाम में भगवान आयेंगे। श्रीकल्कि धाम का निर्माण श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट करवा रहा है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।

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पीएम ने की प्रमोद कृष्णम की जमकर तारीफ

पीएम मोदी ने कहा कि प्रमोद कृष्णम जैसे लोग पूरे विश्वास के साथ उन मान्यताओं को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने भगवान कल्कि धाम के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। कहा कि प्रमोद आचार्य को वह एक राजनीतिक व्यक्ति के रूप में जानते थे। उनसे कोई परिचय नहीं था। लेकिन जब कुछ दिन पहले मेरी उनसे पहली बार मुलाकात हुई तो यह भी पता चला कि वह धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में इतनी मेहनत के साथ लगे हैं। (एएमएपी)