पीएम मोदी ने श्रीराम पर जारी टिकटों की पुस्तक की लांच

छ: टिकटों में गणेश, हनुमान, जटायु, केवटराज और मां शबरी पर डाक टिकट भी शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को रामलला की प्रतिमा स्थापना और मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। 11 दिनों का विशेष अनुष्ठान कर रहे पीएम मोदी ने गुरुवार को श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर स्मारक डाक टिकट जारी किया है। इसके अलावा उन्होंने दुनिया भर में भगवान राम पर जारी टिकटों की एक पुस्तक को भी लॉन्च किया है। डाक टिकट के डिजाइन में राम मंदिर, चौपाई ‘मंगल भवन अमंगल हारी’, सूर्य, सरयू नदी और मंदिर के आसपास की मूर्तियों को शामिल किया गया है। आपको बता दें कि भारत-अमेरिका सहित कुल 21 देशों में भगवान राम पर डाक टिकट जारी किए जा चुके हैं।

भगवान राम के प्रभाव को दिखाने का प्रयास

प्रधानमंत्री मोदी ने जो टिकटों की पुस्तक जारी की है उनमें 6 टिकटें शामिल हैं। राम मंदिर के अलावा भगवान गणेश, भगवान हनुमान, जटायु, केवटराज और माता शबरी पर डाक टिकट जारी हुए हैं। कुल छह टिकटों के अलावा पूरे एल्बम में अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कनाडा, कंबोडिया और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों सहित 20 से अधिक देशों की तरफ से जारी डाक टिकटों को भी संकलित किया गया है। 48 पन्नों की इस पुस्तक के माध्यम से समाज के अलग-अलग वर्गों पर भगवान राम की वैश्विक छवि और उनके प्रभाव को प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “पोस्टल स्टैंप का कार्य हम सभी जानते हैं लेकिन पोस्टल स्टैंप एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोस्टल स्टैंप इतिहास और ऐतिहासिक अवसरों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम भी होते हैं।”

पंचतत्व के दर्शन का स्वरूप दर्शाने का प्रयास

इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र के मंगल की कामना की गई है। सूर्यवंशी राम की छवियों से देश में नए प्रकाश का संदेश मिलता है। एल्बम में शामिल सरयू नदी की तस्वीर से सदा गतिशील रहने का संदेश मिलता है। पीएम मोदी ने कहा कि पंचतत्व के दर्शन का स्वरूप दर्शाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के साथ-साथ संतों ने भी डाक विभाग का मार्गदर्शन किया है।

विदेश में भी भगवान राम से जुड़े डाक टिकट

प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम और माता सीता की बातें- देश, काल, जाति जैसी सीमाओं से परे है। रामायण से पूरी मानवता को खुद से जोड़ने का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि रामायण पूरी दुनिया में आकर्षण और उत्साह का विषय रही है। पूरे विश्व में भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ रामायण को गौरव के साथ देखा जाता है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग देशों में श्रीराम पर आधारित पोस्टल स्टांप जारी होते रहे हैं। अमेरिका, सिंगापुर, गयाना, फिजी जैसे कई देशों ने सम्मान और आत्मीयता से पोस्टल स्टांप जारी किए हैं।

महर्षि वाल्मिकी और तुलसीदास की चौपाइयों का भी उल्लेख

उन्होंने कहा कि राम भारत के बाहर भी महान आदर्श के रूप में पूजे जाते हैं। अनेक राष्ट्रों ने उनके चरित्र की सराहना की है। इस एल्बम में सभी जानकारियों के साथ राम-सीता के जीवन कथाओं का संकलन आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगी। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान महर्षि वाल्मिकी और तुलसीदास की चौपाइयों का भी उल्लेख किया। बकौल प्रधानमंत्री मोदी, खुद रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने कहा है कि इस धरती पर जब तक नदियों और पर्वतों का अस्तित्व है राम का जिक्र होता रहेगा।

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22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा

गौरतलब है कि पीएम मोदी 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या दौरे पर राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। उनके हाथों से रामलला की दिव्य प्रतिमा की स्थापना होनी है। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और देश-विदेश के लगभग सात हजार मेहमान अयोध्या के इस अभूतपूर्व समारोह के साक्षी बनेंगे। ट्रस्ट की तरफ से कई ऐसे मेहमानों को भी आमंत्रित किया गया है जिनके लिए खास प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है। अव्यवस्था की आशंका को खत्म करने के लिए खुद पीएम मोदी ने भी श्रद्धालुओं से 22 जनवरी के दिन अयोध्या आने की जिद न ठानने की अपील की है।(एएमएपी)