कांग्रेस पार्टी के महासचिव प्रियंका गांधी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनका नाम ‘प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ (पीएमएलए) से जुड़े एक केस की चार्जशीट में दर्ज किया गया है। ईडी ने बताया है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली के रहने वाले रियल एस्टेट एजेंट के जरिए हरियाणा में जमीनी खरीदीं। इस एजेंट ने एनआरआई बिजनेसमैन सीसी थम्पी को भी जमीनें बेचीं।
ED has arrested one accused Viraj Suhas Patil from Mumbai on 25 December under the provisions of PMLA, 2002 in the case of illegal Forex Trading by TP Global FX. He was produced before the Hon’ble CMM Court, Kolkata, which has granted his custody to ED till January 2, 2024 pic.twitter.com/89zK9YzV14
— ANI (@ANI) December 27, 2023
क्या है मामला
ईडी ने आरोप लगाए हैं कि वाड्रा और थंपी के बीच गहरा रिश्ता है। इसमें दोनों के बीच सामान्य के साथ व्यवसायिक हितों के शामिल होने की बात भी कही गई है। दरअसल, इस मामले के तार भगोड़े संजय भंडारी से भी जुड़े हुए हैं, जो साल 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। फिलहाल, ईडी उसके खिलाफ जांच कर रही है। कहा जा रहा है कि इसमें मदद करने वालों में थंपी और ब्रिटेन के नागरिक सुमित चड्ढा का नाम शामिल है।
ईडी ने क्या कहा चार्जशीट में ?
ईडी की तरफ से दाखिल चार्जशीट में कहा गया है, ‘फेडरल एजेंसी ने आरोप लगाए हैं कि वाड्रा और थंपी को जमीन बेचने वाले रियल ऐस्टेट एजेंट एचएल पाहवा को हरियाणा में जमीन खरीद के लिए किताबों से भुगतान मिला था और वाड्रा ने इस सौदे के लिए पूरी रकम नहीं दी थी। पाहवा ने साल 2006 में प्रियंका गांधी को कृषि भूमि भी बेची थी और साल 2010 में दोबारा खरीद ली। खास बात है कि ईडी ने एनआरआई कारोबारी सीसी थंपी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहली बार प्रियंका गांधी का नाम शामिल किया है।
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साल 2020 में थंपी की गिरफ्तारी हुई थी और कथित तौर पर उसने जांच एजेंसी को बताया था कि वह वाड्रा को 10 साल से ज्यादा समय से जानते हैं। उसने कथित तौर पर यह भी बताया था कि वाड्रा की यूएई की यात्रा के दौरान उनकी कई बार मुलाकात हुई और दिल्ली में भी दोनों मिले थे। ईडी का कहना था कि थंपी ने पाहवा की मदद से हरियाणा के अमीरपुर गांव में 2005 से 2008 के बीच 486 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी थी। (एएमएपी)