देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3167 हुई।

टाइगर रिजर्व नौ से बढ़कर हुए 53
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि देश में बाघों के संरक्षण की शुरुआत साल 1973 में नौ टाइगर रिजर्व क्षेत्रों के साथ हुई थी। आज इनकी संख्या 53 टाइगर रिजर्व तक पहुंच गई है। इनमें से 23 टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली हुई है। बता दें कि साल 1973 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी। एक अप्रैल को इस प्रोजेक्ट के 50 साल पूरे हो गए हैं। IBCA के तहत बाघों, शेर, तेंदुए, हिम तेंदुए, जैगुआर, चीता, प्यूमा के संरक्षण पर फोकस किया जाएगा।
पीएम मोदी बोले- यह पूरी दुनिया के लिए गर्व का विषय
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘देश में बाघों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा में प्रोजेक्ट टाइगर ने अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रकृति की रक्षा, भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व का विषय है। भारत ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं और उसी समय दुनिया के 75 प्रतिशत बाघ भारत में निवास करते हैं।’

एशियाई शेरों का इकलौता घर भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘दुनिया में एशियाई शेरों का इकलौता घर भारत है। देश में शेरों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। साल 2015 में देश में 525 शेर थे और 2020 में बढ़कर 675 हो गए। तेंदुओं की संख्या में भी बीते चार सालों में 60 फीसदी का उछाल आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘हम एक महत्वपूर्ण समय के साक्षी बन रहे हैं, जब प्रोजेक्ट टाइगर को 50 साल पूरे हो रहे हैं। भारत ने ना सिर्फ बाघों को बचाया बल्कि उन्हें ऐसा इकोसिस्टम दिया, जिससे वह फल-फूल सके। हमारे पास दुनिया भर की कुल जमीन का सिर्फ 2.4 फीसदी है लेकिन वैश्विक विविधता में हमारा हिस्सा 8 फीसदी है।’
उन्होंने कहा कि ‘भारत में दशकों पहले चीते विलुप्त हो गए थे लेकिन हम चीतों को दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लेकर आए और चीतों को एक देश से दूसरे देश में लाकर बसाने में हमें सफलता मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में करीब 30 हजार हाथी हैं और एशियाई हाथियों की दुनिया में सबसे ज्यादा संख्या भारत में है।’ (एएमएपी)



