पीटी उषा ने पहलवानों के प्रदर्शन को अनुशासनहीनता बताया था। उन्होंने भारतीय ओलंपिक संघ की एक बैठक के बाद कहा था कि इस तरह पर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना अनुशासन नहीं कहा जा सकता और इससे देश की छवि को धक्का लग रहा है.। इसके बाद खिलाड़ियों ने भी उनके बयान की आलोचना की। इसके साथ ही वह राजनीतिक दलों के भी निशाने पर आ गईं।
पीटी उषा ने भारतीय कुश्ती संघ चलाने के लिए तीन सदस्यों का पैनल बनाने का भी प्रस्ताव रखा था। बता दें कि बीते 11 दिनों से कई महिला और पुरुष पहलवान जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके प्रदर्शन के बाद भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। हालांकि अभी खिलाड़ी प्रदर्शन खत्म नहीं कर रहे हैं। उनकी मांग है कि बृजभूषण भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें। वहीं बृजभूषण का कहना है कि उनपर लगाए गए यौन शोषण के आरोप सरासर गलत हैं और इन आरोपों के रहते वह तब तक इस्तीफा नहीं देंगे जब तक की पार्टी नहीं कहेगी।
IOA की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा था कि हमारे पास यौन शोषण को लेकर कमिटी है और सड़क पर उतरने से पहेल खिलाड़ियों को हमारे पास आना चाहिए था। यह पहलवानों के लिए ही नहीं बल्कि किसी भी खिलाड़ी के लिए अच्छी बात नहीं है। उन्हें कुछ अनुशासन का पालन करना चाहिए। इसके बाद पीटी उषा पर हमला करते हुए साक्षी मलिक ने कहा था, एक महिला एथळीट होते हुए भी वह महिला पहलवानों की बात नहीं सुनना चाहती हैं। यहां अनुशासन की बात कहां है। हम शांति से धरना दे रहे हैं।(एएमएपी)