सुरेंद्र किशोर।

राहुल गांधी के सलाहकार व इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पित्रोदा ने कहा है कि भारत सरकार को चाहिए कि वह बांग्ला देश से आये अवैध प्रवासियों को भारत में बसा दे। इस बयान पर भाजपा सख्त नाराज है। पर, इसमें बेचारे पित्रोदा का भला क्या कसूर है!

पित्रोदा तो सिर्फ कांग्रेस की ताजा राजनीतिक लाइन को ही आगे बढ़ा रहे हैं। हाल में कांग्रेस की लाइन बता दी सी.पी.एम. नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य विजय राघवन ने।

उन्होंने कहा कि ‘‘केरल से राहुल-प्रियंका की जीत के पीछे सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन का बल था।’’(इंडियन एक्सप्रेस-22 दिसंबर 2024)

जाहिर है अतिवादी मुस्लिम गठबंधन को दिनानुदिन ताकतवर बनाने के लिए यह जरूरी है कि इस देश में अधिक से अधिक बांग्लादेशी और रोहिंग्या लाकर बसाये जाएं ताकि पी.एफ.आई. अपना 2047 का लक्ष्य पूरा कर सके।

केरल मूल के प्रतिबंधित जेहादी संगठन पी.एफ.आई. ने घोषणा कर रखी है कि हम हथियारों के बल पर सन 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बना देंगे। इसके लिए वह कातिलों के दस्ते तैयार कर रहा है।

मशहूर वकील अश्विनी उपाध्याय ने सन 2017 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि 5 करोड़ बाहरी लोग अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं। याचिका अब भी विचाराधीन है। इस बीच घुसपैठ रुकी नहीं है। क्योंकि उसे संभव बनाने के काम में पश्चिम बंगाल की कुछ राजनीतिक व सरकारी शक्तियां लगातार लगी हुई हैं। पहले से रह रहे घुसपैठिए अपनी आबादी भी बढ़ाते जा रहे हैं।

सन 2004 में कांग्रेस सरकार ने संसद में कहा था कि एक करोड़ 20 लाख अवैध लोग भारत में रह रहे हैं। 2016 में मोदी सरकार ने संसद में कहा कि 2 करोड़ घुसपैठिए अवैध तरीके से भारत में रह रहे हैं।

यदि दो करोड़ ही मान लिया जाए तो उनके मतदाता बन जाने के बाद कितने चुनाव क्षेत्रों में चुनाव नतीजों पर उसका असर होगा?

अब यह बात छिपी नहीं है कि इस देश के अतिवादी मुसलमानों का सबसे अधिक भरोसा कांग्रेस पर है। गत आंध्र व कर्नाटक विधानसभा चुनावोमें कांग्रेस की जीत के पीछे वही तत्व रहे हैं जिनकी ओर विजय राघवन ने इंगित किया है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)