दशकों से रूस में भारतीय फिल्मों के प्रति एक दीवानगी सी रही है। ‘मेरा जूता है जापानी’ रूसी आदमी आसानी से गुनगुना लेता है। राज कपूर की ‘आवारा’ और मिथुन चक्रवर्ती की ‘डिस्को डांसर’ से लेकर शाहरुख खान की ‘पठान’ तक, रूस को बॉलीवुड की फ़िल्में बहुत पसंद हैं। शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया कि अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान वह भारतीय फिल्मों को और बढ़ावा देने पर चर्चा कर सकते हैं।

मोदी 22-23 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस के कज़ान की यात्रा पर जा रहे हैं। पुतिन ने रूस में भारतीय फिल्मों के विपणन को भी एक ऐसे मुद्दे के रूप में चिह्नित किया है जिस पर चर्चा की आवश्यकता है, उन्होंने एक ही सांस में भारतीय फार्मास्यूटिकल और ऑटोमोटिव क्षेत्रों का उल्लेख किया।

 

पुतिन ने विदेशी पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस देश में भारतीय फिल्में कहीं और की तुलना में अधिक लोकप्रिय हैं।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘अगर हम ब्रिक्स के सदस्य देशों को देखें, तो मुझे लगता है कि रूस में भारतीय फिल्में सबसे लोकप्रिय हैं। हमारे पास एक विशेष टीवी चैनल है, जिस पर भारतीय फिल्में चौबीसों घंटे दिखाई जाती हैं। हमें भारतीय फिल्मों में बहुत रुचि है।’

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इसी के साथ उन्होंने रूस में भारतीय फिल्मों के विपणन को भी एक ऐसा मुद्दा बताया जिस पर चर्चा की आवश्यकता है। इसी क्रम में उन्होंने भारतीय फार्मास्यूटिकल और ऑटोमोटिव क्षेत्रों का भी उल्लेख किया।

सिनेमा उत्पाद और फिल्म उद्योग अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा हैं और इन्हें उचित रूप से विनियमित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने बाजार की सुरक्षा के लिए कई निर्णय लिए हैं। उन्होंने आकहा, ‘ब्रिक्स देशों में अगर हम सिनेमा की बात करें, तो भारतीय फिल्में रूस में सबसे लोकप्रिय हैं। हम ब्रिक्स फिल्म महोत्सव का आयोजन करते हैं। इस वर्ष मास्को अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ब्रिक्स देशों की फिल्मों को पेश करता है।’ पुतिन ने इस बात की भी संभावना जताई कि भविष्य में भारतीय फिल्मों का रूस में और भी अधिक प्रचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत और रूस के बीच बातचीत हो सकती है और दोनों देश फिल्म उद्योग के क्षेत्र में और अधिक सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा के लिए तैयार हैं।

उन्होंने एक दुभाषिया के माध्यम से कहा कि यह केवल फिल्म उद्योग के बारे में नहीं है, बल्कि ऑटोमोटिव और अन्य उद्योगों के बारे में भी है। “लेकिन हमें विश्वास है कि यदि भारतीय मित्रों की इसमें रुचि होगी तो हम रूसी बाजार में भारतीय फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए साझा आधार तलाश लेंगे।” उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्में फार्मास्युटिकल क्षेत्र के साथ-साथ अत्यंत प्रासंगिक और लोकप्रिय उत्पाद हैं।