नई रेल लाइन से भूटान को भी जोड़ने की योजना।
गुजरात : रुपाणी समेत 8 नेता नहीं लड़ेंगे चुनाव, जानिए क्या है बीजेपी की रणनीति ?
उन्होंने आगे बताया कि भारतीय रेलवे ने चीन सीमा के साथ भालुकपोंग से तवांग और सिलापाथर से अलॉन्ग वाया बामे तक एक नई रेलवे लाइन बनाने और मुरकोंगसेलेक से पासीघाट तक रेलवे लाइन का विस्तार करने की योजना बनाई है। चीन के साथ सीमा विवाद को देखते हुए इस रेलवे लाइन का सामरिक महत्व भी होगा। यह रेलवे लाइन कम समय में सीमावर्ती क्षेत्रों को जोंडेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि इनके अलावा पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे जोन लंका से असम में चंद्रनाथपुर तक दूसरी रेलवे लाइन बनाने की योजना बना रहा है जो असम के दीमा हसाओ जिले के पहाड़ी खंड में बाईपास होगा।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सब्यसाची डे ने यह भी बताया कि हमारी योजना पड़ोसी देश भूटान तक अपनी रेल लाइनों को ले जाना है। उन्होंने कहा कि’ हमने रेलवे के माध्यम से भूटान को जोड़ने की योजना बनाई है और नई रेलवे लाइन कोकराझार (असम में) से भूटान के गेलेफू तक होगी। यह नई रेलवे लाइन लगभग 58 किमी लंबी होगी।’
उन्होंने बताया कि इस साल की शुरुआत में बाढ़ और भूस्खलन के कारण दीमा हसाओ के कुछ हिस्से में रेलवे ट्रैक उखड़ गए थे। उन रेलवे ट्रैक्स की मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर किया गया है। जिसके बाद वहां, ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह से हो रहा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई रेलवे परियोजनाओं का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें नई रेलवे लाइनों का निर्माण, लाइनों का दोहरीकरण, स्टेशन विकास, विद्युतीकरण शामिल है। इन परियोजनाओं को 1.15 लाख करोड़ रुपये से अंजाम दिया जा रहा है। (एएमएपी)