तेजस्वी सूर्या को युवा मोर्चा की कमान, मालवीय बने रहेंगे

आपका अखबार ब्यूरो।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की टीम से हाई प्रोफाइल महामंत्री राम माधव, हर बार किसी तरह बच जाने वाले मुरलीधर राव और डा. अनिल जैन की छुट्टी हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन का पुनर्गठन काफी समय से प्रतीक्षित था। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा अभी तक पूर्व अध्यक्ष अमित शाह की टीम से ही काम चला रहे थे। पदाधिकारियों के नामों की घोषणा शनिवार को हुई।


 

रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी लम्बे समय बाद पार्टी के कोषाध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के राजेश अग्रवाल अब नये कोषाध्यक्ष होंगे। पुनर्गठन में गृह मंत्री अमित शाह की छाप साफ नजर आ रही है। नये पदाधिकारियों के नामों को देखकर पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी होने के एहसास की भी झलक मिलती है। इस बार पूर्वोत्तर और दक्षिण के लोगों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला है।

पूरे फेरबदल में सबसे अहम है राम माधव की छुट्टी। राम माधव के रवैए से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बहुत खुश नहीं थे। राम माधव पिछले छह सालों से ऐसा व्यवहार कर रहे थे जैसे पूर्वोत्तर से जम्मू-कश्मीर तक की समस्या हल करने में उनकी बड़ी भूमिका हो। वे विदेश नीति के मुद्दों पर भी कई बार  सरकार और पार्टी को मुश्किल में डाल चुके हैं। राम माधव दिल्ली के लेफ्ट लिबरल मीडिया के भी चहेते थे।

राम माधव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भाजपा में आए थे। महामंत्री पद से हटाए जाने के बाद इस बात की उम्मीद कम ही है कि उन्हें संगठन या सरकार में कोई अन्य अहम जिम्मेदारी मिलेगी। उनके सामने दो ही रास्ते हैं। साधारण सदस्य की तरह भाजपा में बने रहें या संघ में वापस चले जायं।

मुरलीधर राव को भाजपा के खेमे में बड़ा उत्तरजीवी ( सरवाइवर) माना जाता था। हर पुनर्गठन में उनकी छुट्टी की बात चलती थी पर वे बच जाते थे। महामंत्री के रूप में वे अपने को कभी उपयोगी नहीं बना सके। अपने गृह प्रदेश आंध्र में भी इतने लम्बे समय में वे कुछ खास नहीं कर सके। डी पुरन्देश्वरी आंध्र प्रदेश से नई महामंत्री बनाई गई हैं।

डा. अनिल जैन एक समय अमित शाह की टीम के खास सदस्यों में थे। पर राज्यसभा की सदस्यता मिलने के बाद से ही माना जा रहा था कि महामंत्री के रूप में उनके दिन गिने चुने हैं।

बेंगलुरु से पहली बार लोकसभा पहुंचे तेजतर्रार युवा नेता तेजस्वी सूर्या को भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एक और पदाधिकारी पर सबकी नजर थी। आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को हटाने की डा. सुब्रमण्यन स्वामी की चेतावनी को पार्टी ने नजरअंदाज कर दिया है। मालवीय अपने पद पर बने रहेंगे।

 

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