वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ सात फीसदी रहने का जताया अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नीतिगत फैसले की घोषणा की। केंद्रीय बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखी है। दास ने बताया कि आरबीआई मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 फीसद पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। यानी, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार इस साल फरवरी में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था और तब से बेंचमार्क नीति दर में संशोधन नहीं किया है।

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूती दिखाई है। बैंकों के बैलेंस शीट में मजबूती दिखी है। केंद्रीय बैंक की एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।आरबीआई गवर्नर के अनुसार इसके फलस्वरूप स्थायी जमा सुविधा दर 6.25% और सीमांत स्थायी सुविधा दर तथा बैंक दर 6.75% पर बनी हुई है। आरबीआई गवर्नर ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

सरकारी खर्चे से निवेश के रफ्तार में आई तेजी

एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी है। लागत खर्च में कमी से विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती आई है। सरकारी खर्चे से निवेश के रफ्तार में आई तेजी है। एग्रो क्रेडिट में ग्रोथ से रिकवरी बेहतर होने का अनुमान है। एमपीसी के छह में पांच स्थर अकोमोडेटिव रुख वापस लेने के पक्ष में। सभी सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर रखने पर सहमति जताई।

नवंबर-दिसंबर में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि चिंताजनक

आरबीआई गवर्नर ने का कि नवंबर-दिसंबर महीने में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि महंगाई के लिहाज से चिंता का कारण बना हुआ है। ग्रामीण मांग में सुधार दिख रही है। FY 24 के सीपीआई 5.4 पर बने रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर चार प्रतिशत पर लाने के प्रति आरबीआई प्रतिबद्ध है और हर संभव कोशिशें कर रहा है।

भारत ने चीन को पछाड़ा, सकल घरेलू उत्पाद में लगातार हो रही वृद्धि

यूपीआई ट्रंजैक्शन 5 लाख रुपये तक

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति के ऐलान के साथ ही उन्होंने यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट को लेकर बड़ी घोषण की है। अब अस्पतालों और शैक्षिक संस्थानों में यूपीआई के जरिए एक बार में 5 लाख तक का पेमेंट किया जा सकता है। वहीं, लोगों को उम्मीद थी कि इस बार रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती कर सस्ते लोन का तोहफा देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सस्ते लोन के लिए अभी आपको और इंतजार करना होगा।(एएमएपी)