देश की नामी फिनटेक कंपनियों में से एक वन 97 कम्युनिकेशंस यानी पेटीएम के शेयर में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। पेटीएम के शेयर में लगातार तीसरे दिन गिरावट आई है। कंपनी के शेयर शुरुआती कारोबार में 10 फीसदी तक लुढ़क गए हैं। इस तरह कंपनी के शेयर में पिछले तीन कारोबारी सत्र में 42 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज हुई है, जिससे उसके बाजार मूल्यांकन (मार्केट कैप) में 20,471.25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर पाबंदी का ऐलान किया है। पेटीएम की कई सर्विसेज 29 फरवरी से बंद हो जाएंगी। ऐसे में आरबीआई की इस पाबंदी का असर पेटीएम के शेयरों पर पड़ा है।

निवेशकों को 20,500 करोड़ रुपए का नुकसान

सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर कंपनी का शेयर 10 फीसदी की गिरावट के साथ 438.35 रुपये पर आ गए हैं। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 9.99 फीसदी गिरकर 438.50 रुपये पर पहुंच गए। अगर बात निवेशकों की बात करें तो तीन कारोबारी दिनों में पेटीएम क्राइसिस की वजह से 20,500 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को कंपनी की वैल्यूएशन 30,931.59 करोड़ रुपए थी, जो आज घटकर 27,838.75 करोड़ रुपए पर आ गई है। इसका मतलब है कि सोमवार को कंपनी की वैल्यूएशन में 3092.84 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। जबकि गुरुवार और शुक्रवार को कंपनी की वैल्यूएशन में 17378.41 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका था। इसका मतलब है कि तीन दिनों में कंपनी की वैल्यूएशन में 20,471.25 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।

क्‍या है गिरावट का कारण?

कंपनी के शेयरों में ये गिरावट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य उपकरणों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करना बंद करने का निर्देश देने के बाद आई है। आरबीआई के इस आदेश से कंपनी के वार्षिक परिचालन लाभ पर करीब 300-500 करोड़ रुपये का असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में 49 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन वह इसे अपनी सहयोगी के रूप में वर्गीकृत करता है, अनुषंगी कंपनी के रूप में नहीं।

पेटीएम पेमेंट बैंक पर क्यों हुई कार्रवाई

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के लाखों खातों में केवाईसी का पालन नहीं किया गया था। मतलब बैंक नहीं जानता था कि उसके ग्राहक कौन हैं। इससे धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा बढ़ जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) के पास लाखों बिना केवाईसी वाले खाते थे। इनमें बहुत से ऐसे मामले थे जिसमें एक पैन कार्ड का इस्तेमाल कई खाते खोलने के लिए किया गया था। इन खातों से करोड़ों रुपयों के लेनदेन हुए हैं जो नियमों के मुताबिक ज्यादा थे। इससे भी मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है।

पेटीएम के पास 35 करोड़ ई-वॉलेट

रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से करीब 31 करोड़ निष्किय हैं। इनमें लाखों खाते ऐसे हैं, जिनमें केवाईसी नहीं की गई है। पीपीबीएल पर आरबीआई को गलत और अधूरी जानकारी देने का भी आरोप है। इन खातों के जरिए संदिग्ध लेनदेन का पता चला है। आरबीआई ने इसी आधार पर एक्शन लिया है। अब अगर कोई नया आरोप सामने आया तो कंपनी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जांच करेगा।

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ये सर्विस रहेंगी चालू

आरबीआई के सारे प्रतिबंध पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर हैं। इसलिए, पेटीएम (पेटीएम क्यूआर, बीमा, कर्ज वितरण, साउंडबॉक्स और कार्ड मशीन आदि) पर इसका असर नहीं होगा। पेमेंट्स बैंक से जो भी कारोबार जुड़े हैं, वही प्रभावित होंगे। आरबीआई ने निर्देश दिया है कि पेटीएम को अपने ग्राहकों को बैलेंस निकालने और इसका इस्तेमाल करने की पूरी सुविधा देनी होगी। ये सुविधा उन ग्राहकों के लिए भी होगी, जिनके पास पेटीएम के सेविंग्स और करेंट अकाउंट हैं या वो फास्ट टैग का यूज कर रहे हैं। पेटीएम की सभी सर्विस 29 फरवरी के बाद सामान्य रूप से काम करती रहेंगी।(एएमएपी)