रेखा गुप्ता बनीं दिल्ली की नौवीं मुख्यमंत्री।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की पूर्व अध्यक्ष और पहली बार विधायक निर्वाचित रेखा गुप्ता बृहस्पतिवार को दिल्ली की नौवीं मुख्यमंत्री बन गईं। राजधानी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने हिंदी में, ईश्वर के नाम पर शपथ ली।

भारतीय जनता पार्टी के छह विधायकों प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविन्द्र इंद्रराज सिंह, कपिल मिश्रा और डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

27 साल बाद भाजपा सत्ता में वापस

इसके साथ ही दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी हो गई। हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में रेखा गुप्ता शालीमार बाग से विधायक निर्वाचित हुई हैं। वह मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली में भाजपा की चौथी मुख्यमंत्री बनी हैं। साथ ही दिल्ली की तीसरी ऐसी मुख्यमंत्री हैं जो हरियाणा मूल की हैं… इससे पहले सुषमा स्वराज और अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम रह चुके हैं।

Rekha Gupta becomes fourth woman to take oath as Delhi CM | Tehelka

इसके साथ ही वह, वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी शासित किसी भी राज्य में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री भी बन गई हैं।

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। इनके अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी इस समारोह के साक्षी बने। शपथ ग्रहण समारोह में महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, जेडीयू से केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी मौजूद रहे। रामलीला मैदान में कई गणमान्य हस्तियां और बड़ी संख्या में आम लोग भी उपस्थित थे।

Congress leader Alka Lamba's nostalgic photo from 1995 for Rekha Gupta: We  took oath together - India Today

भाजपा विधायक दल की बैठक में बुधवार को 50 वर्षीय रेखा गुप्ता को आठवीं दिल्ली विधानसभा में सदन का नेता चुना गया। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने बुधवार देर शाम राज निवास में रेखा गुप्ता द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के बाद उन्हें नयी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 48 सीट पर कब्जा कर जीत हासिल की और आम आदमी पार्टी (आप) के एक दशक लंबे शासन का अंत किया था।