विश्व के लोकप्रिय डेटिंग ऐप Tinder के हाल ही किये गए एक सर्वे में पता चला कि लोग रिलेशनशिप की जगह सिचुएशनशिपको ज्यादा चुन रहे हैं। बदलाव के इस दौर में शारीरिक बनावट से ज्यादा लोगों के लिए अपने पार्टनर की नियत मायने रखती है। बेंगलुरु समेत देश के कई शहरों में टिंडर ने यह सर्वे किया है। इसमें 18 से 30 साल की उम्र के 1,018 इंडियन युवाओं से सवाल पूछे गए थे।‘फ्यूचर ऑफ डेटिंग’ स्टडी के अनुसार, बेंगलुरु टिंडर के 43% यूजर्स मौजूदा डेटिंग प्राथमिकता के तौर पर सिचुएशनशिप को चुनते हैं। सिचुएशनशिप शब्द का इस्तेमाल पहले से बिना किसी खास प्लान या एजेंडे से बने रिश्ते के लिए Gen Z द्वारा किया जाता है। इसमें पारदर्शिता यानी खुलेपन और आजादी पर जोर दिया जाता है।

इस तरह का पार्टनर चाहता है यूथ

बेंगलुरु के सर्वे में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हब के यूथ के बीच पनपे छह ट्रेंड की पहचान की गई है। टिंडर के मुताबिक, जेन जी को सबसे लचीली जेनरेशन माना जाता है। इसने पिछले सभी डेटिंग नियमों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। ये जेनरेशन ऐसा साथी नहीं चाहती जो मानसिक तौर पर ख्याल ना रख पाएं।

52 प्रतिशत सिंगल युवा डेटिंग ऐप्स का करते हैं इस्तेमाल

इन दिनों युवा अक्सर खुद को सबसे पहले रखते हैं और वे डेटिंग को खुद की खोज के एक तरीके के रूप में भी देखते हैं। टिंडर के सर्वे में नई जेनरेशन की सोच उन्हें पिछली जेनरेशन से बिलकुल अलग खड़ा करती है। यह पीढ़ी जो चाहती है उसे पाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने में ज्यादा कंफर्टेबल है। सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा (52%) सिंगल युवा डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं।

म्यूजिक का अहम रोल

किसी के साथ डेट पर जाने का फैसला लेते समय म्यूजिक में इंटरेस्ट शेयर करना टॉप फैक्टर्स में से एक है। 32% से ज्यादा लोग इस बात से सहमत हैं कि म्यूजिक का टेस्ट उन्हें पार्टनर की पर्सनैलिटी को पहचानने में मदद करता है। वहीं लगभग 54% युवा किसी भी सेक्सुअलिटी और आइडेंटिटी वाले व्यक्ति के साथ डेटिंग करने के लिए तैयार हैं। 39% लोग दूसरी नस्ल और कल्चर के लोगों के साथ डेट करने के लिए तैयार हैं।(एएमएपी)