गुजरात चुनाव में 71 राजनीतिक दल आजमा रहे भाग्य।
गुजरात में पिछले सभी चुनावों में यदि कुछ सीटों को छोड़ दे तो आमतौर पर दो दलीय मुकाबला ही देखने को मिला है लेकिन, इस बार आम आदमी पार्टी (आप) के जोर-शोर से मैदान में उतरने के कारण कई जगहों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। हैरत की बात है कि दो दलों के बीच सीधे मुकाबले वाले राज्य के विधानसभा चुनाव में इस बार 71 राजनीतिक दल चुनाव मैदान में हैं। इनमें अधिकांश अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए उम्मीदवार दर्ज करवा रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस और आप समेत 71 राजनीतिक दल इस बार चुनावी दंगल में शामिल हुए हैं। इसके अलावा प्रथम चरण के मतदान के लिए 339 उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं।इन 71 पार्टियों में ऑटो रिक्शा चालकों की भी एक पार्टी है जो इस बार चुनावी दंगल में है। ये सभी पार्टी वोट बैंक को आकर्षित करने का प्रयास करती हैं। प्रचार के लिए ऑटो रिक्शा का उपयोग हमेशा से होता रहा है। इस बार इन लोगों ने अपनी पार्टी जन सेवा चालक पार्टी शुरू की है। इसके जरिए वे भी शासन की सत्ता के तहत पहुंचने को संघर्षरत हैं। इनका कहना है कि इनके मुद्दों को लगातार अनदेखी की जाती है इसलिए इनका मानना है कि सत्ता के दरवाजे पर पहुंचकर वे अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तिवारी कहते हैं कि कोई भी राजनीतिक दल उनके समुदाय के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल की रचना सिर्फ ऑटो ड्राइवरों के लिए नहीं की गई है, बल्कि सभी वाहनों के ड्राइवरों के प्रतिनिधित्व के लिए की गई है। वे ड्राइवरों की गरिमा और अधिकारों के लिए लोगों से मतदान की अपील कर रहे हैं।
गुजरात नवनिर्माण सेना जैसी कई पार्टियों ने गुजरात में जनक्रांति करने की जरूरत बताते हैं। गरवी गुजरात पार्टी गुजरात के इतिहास और गौरव की स्थापना करने की बात करती है। वहीं गुजरात सर्व समाज पार्टी जातिवादी राजनीति के अंत करने की बात कहती है। धनवान भारत पार्टी ने दूसरे चरण के मतदान के लिए अहमदाबाद में एक उम्मीदवार उतारा है। (एएमएपी)