
23 अप्रैल से देश के शीर्ष पहलवानों में शुमार विनेश फोगाट, साक्षी मलकि और बजरंग पूनिया समेत कई अन्य पहलवान लगातार जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन कर रहे सभी पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। अब तक के प्रदर्शन के दौरान पहलवानों ने पैदल मार्च से लेकर कैंडल मार्च तक निकाला। लेकिन रविवार को पहलवान नई संसद भवन के सामने महिला महापंचायत करने पर अड़े थे। हालांकि, पुलिस ने सुरक्षा कारणों की वजह से इस महापंचायत की अनुमति नहीं दी थी। जैसे ही जंतर-मंतर से पहलवान इस महिला महापंचायत के लिए कूच करने लगे तब पुलिस ने उनपर कार्रवाई शुरू किया। कई पहलवानों को पहले हिरासत में लिया गया। इसके बाद पुलिस ने जंतर-मंतर से पहलवानों के तंबू-टेंट और बेड हटा दिये।

विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया सहित प्रदर्शनकारी पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद हिरासत में ले लिया। रविवार को लुटियंस दिल्ली इलाके में हजारों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था और कई जगत बैरिकेड लगाए गए। संसद भवन से करीब दो किलोमीटर दूर बैठकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कहा था कि वे किसी भी कीमत पर नए संसद भवन के पास अपनी ‘महापंचायत’ करेंगे।

हालांकि पुलिस ने कहा कि किसी भी प्रदर्शनकारी को नए भवन की ओर नहीं जाने दिया जाएगा क्योंकि इसके लिए अनुमति नहीं दी गई है और पहलवानों को किसी भी ‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधि’ में शामिल नहीं होना चाहिए। कुल मिलाकर जंतर-मंतर पर हुए इस बवाल के बाद अब पहलवानों के धरनास्थल पर तंबू-टेंट नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि अब पहलवान वापस लौट कर धरनास्थल पर नहीं जा पाएंगे क्योंकि उन्होंने धारा 144 का उल्लंघन किया है। (एएमएपी)



