जोरदार धमाके से कई इमारतें क्षतिग्रस्त
यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के दौरान रूस ने गलती से अपने ही शहर में बम गिरा दिया। जिसके बाद जोरदार धमाके से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयीं और इसकी चपेट में आकर कई लोग घायल हो गए।
रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया कि रूस के एक लड़ाकू विमान ने गलती से यूक्रेन के पास अपने ही शहर c में बम गिरा दिया। जिससे कई इमारतें ध्वस्त हो गयीं। कई कारें क्षतिग्रस्त हुईं और कुछ लोग घायल भी हुए हैं। विस्फोट से शहर के केंद्र में एक गड्ढा हो गया। धमाका इतना तेज था कि कुछ कारें उछल कर घरों की छतों तक पहुंच गयीं। धमाके के बाद हुए नुकसान की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
बेलगोरोद के गवर्नर व्याचेस्लाव ग्लैडकोव ने कहा कि विस्फोट से शहर के लोग सहम गए। इसमें चार अपार्टमेंट और कई कारें क्षतिग्रस्त हो गईं, बिजली लाइन के खंभे गिर गए। उन्होंने बताया कि जांचकर्ता और आपात मंत्रालय के प्रतिनिधि घटनास्थल पर भेजे गए हैं। विस्फोट के परिणामस्वरूप, शहर के केंद्र में लगभग 20 मीटर चौड़ा (65 फीट) विशाल गड्ढा बन गया।

ग्लैडकोव और बेलगोरोद के मेयर वैलेन्टिन डेमिडोव ने सोशल मीडिया पर नुकसान की तस्वीरें पोस्ट कीं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि एक लड़ाकू विमान ने बेलगोरोद के ऊपर गोला-बारूद दाग दिया था। रूसी समाचार एजेंसियों द्वारा दिए गए बयान में कहा गया है कि यह घटना स्थानीय समयानुसार रात सवा दस बजे हुई।
कब शुरू हुई रूस-यूक्रेन के बीच जंग, कितना नुकसान?
दोनों मुल्कों के बीच 24 फरवरी 2022 को जंग शुरू हुई थी। दिसंबर 2022 तक रूसी हमलों में यूक्रेन का 138 अरब डॉलर का इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया है। भारतीय करंसी में ये रकम 11 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा बैठती है।
– कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के मुताबिक दिसंबर 2022 तक रूसी हमलों में 1,49,300 रिहायशी इमारतें या तो पूरी तरह तबाह हो चुकीं हैं या फिर डैमेज हो गईं हैं। तीन हजार से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान तबाह हो गए हैं। लगभग डेढ़ हजार कल्चर, स्पोर्ट्स और रिलीजियस संस्थानों को नुकसान पहुंचा है। 11 सौ से ज्यादा अस्पताल बर्बाद हो चुके हैं।
– दो देशों की इस जंग की वजह से दुनिया पर गहरा असर पड़ा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
– आईएमएफ ने पिछले साल 2023 में ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ 3.2 फीसदी होने का अनुमान लगाया था, जिसे अब घटाकर 2.9 फीसदी कर दिया गया है। 2024 में 3.4 फीसदी होने का अनुमान है।
– OECD ने नवंबर 2022 में जो अनुमान जारी किया था, उसके मुताबिक 2022 में ग्लोबल इन्फ्लेशन रेट 9 फीसदी से ज्यादा रह सकती है। 2023 के आखिर तक इसके 6.6 फीसदी और 2024 तक 5.1 फीसदी तक कम होने का अनुमान है।(एएमएपी)



