रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन में विशेष सैनिक अभियान समेत 2022 के मुख्य घटनाओं को लेकर भाषण दिया है। उन्होंने विवैश्वीकरण, रूस-विरोधी प्रतिबंधों और एशियाई देशों से व्यापार में बढ़ोतरी की स्थिति में मास्को के पूर्व का रुख करने पर भी बात की।मास्को में हुए रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रूस -यूक्रेन युद्ध के मुख्य दावे जारी कर कहा है कि 2022 में रूस की कूटनीति के नतीजों का पूरा असर आज दिख रहा है। पश्चिमी देशों का उद्देश्य पूर्व भागीदारों के बीच संबंध तोड़ना ठीक नहीं है लेकिन इससे रूस को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
उन्होंने कहा कि पिछले साल, यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान रूस की विदेश नीति का अहम मामला बन गया। जब रूस ने डोनबास के लोगों को यूक्रेनी आक्रमण से बचाने के लिए अपना विशेष सैनिक अभियान शुरू किया तब पश्चिमी देश कीव को फौजी और वित्तीय सहायता प्रदान करने लगे और उन्होंने मास्को पर प्रतिबंध लगाए। इन प्रतिबंधों ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं तोड़ दीं और यूरोप में ऊर्जा संकट का कारण बन गए जबकि पश्चिमी देशों के यूक्रेन के समर्थन ने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए प्रमुख चुनौतियों को उकसाया।
सर्गेई लावरोव ने अपनी बातचीत में इस पर जोर भी दिया कि ज़ेलेंस्की से बातचीत करना संभव नहीं है, क्योंकि उन्होंने एक कानून अपनाया जो यूक्रेनी अधिकारियों को मास्को से बात करने से मना करता है। ऐसे में अब उनके साथ बातचीत संभव नहीं। रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि जब ये बात आती है कि संघर्ष कितने समय तक चलेगा, तो साफ है कि गेंद उनके पाले में है और इसके पीछे अमेरिका का हाथ है। उन्होंने कहा कि हम प्रस्तावों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं।
इस दौरान सर्गेई लावरोव ने यह भी कहा कि हम इस युद्ध की शुरुआत से ही कह रहे हैं कि यूक्रेन और उसके सहयोगी पश्चिमी देश इस जमीन को हड़पने के लिए साम्राज्यवादी शैली अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सितंबर 2022 में रूस ने यूक्रेन के चार प्रांत डोनेत्स्क, लुहांस्क, ज़ापोरिज़्ज़िया और खेरसॉन पर जनमत संग्रह के बाद कब्जा कर लिया था। जिसे कीव और उसके सहयोगियों द्वारा अवैध के रूप में खारिज कर दिया गया था। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि मास्को बातचीत के लिए हमेशा तैयार है । साथ ही आरोप लगाया था कि यूक्रेन और उसके समर्थक पश्चिमी देशों की वजह से बातचीत नहीं हो पा रही है।
उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेनी सेना के बीच जारी जंग फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा है। दोनों देशों के बीच जारी जंग खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। यूक्रेन पहले ही आशंका जता चुका है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इरादे खतरनाक है। इन सबके बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पहले ही यूक्रेन को चेतावनी देते हुए कह चुके हैं कि बात बहुत आसान है, अपने भलाई के लिए यूक्रेन हमारी बात मान ले, नहीं तो रूसी सेना इसका फैसला करेगी। यूक्रेन के साथ हमारे प्रस्तावों में शासन द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों के विसैन्यीकरण और विमुद्रीकरण रूस की संप्रभुता के लिए खतरों को खत्म करना, हमारी नई भूमि वापस हो । बात बहुत सरल है, यूक्रेन अपने भले के लिए पूरा करें। अन्यथा, रूसी सेना द्वारा इस मुद्दे का फैसला किया जाएगा। (एएमएपी)