एक तरफ रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है तो दूसरी तरफ इजरायल और हमास भिड़े हुए हैं। इस बीच रूस की परमाणु चलित पनडुब्बी इम्पीरेटर अलेक्जेंडर-3 ने न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम बुलवा बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल दागना टेस्ट का अंतिम चरण है, जिसके बाद इसे नौसेना में शामिल करने का निर्णय लिया जाएगा।’

राष्ट्रपति पुतिन लगातार परमाणु ताकत को बढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि यह सब सुरक्षा से जुड़े खतरे का मुकाबला करने के लिए है।

बता दें कि पिछले हफ्ते ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध के रूस के अनुसमर्थन को रद्द करने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर किया था। मास्को ने कहा कि अमेरिका के साथ समानता स्थापित करने की आवश्यकता थी। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इंपीरेटर अलेक्जेंडर-3 ने रूस के उत्तरी श्वेत सागर में पानी के नीचे से बुलावा मिसाइल दागी। इसने कामचटका के सुदूर-पूर्वी क्षेत्र स्थित लक्ष्य को सफलता पूर्वक भेद दिया। बयान में परीक्षण कब किया गया था इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

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इंपीरेटर अलेक्जेंडर-3 नई बोरेई श्रेणी की परमाणु सबमरीन (पनडुब्बी) में से एक है, जो 16 बुलावा मिसाइलें ले जा सकती हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बैलिस्टिक मिसाइल लांच अंतिम परीक्षण था, जिसके बाद इसे बेड़े में शामिल करने पर निर्णय लिया जाना है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूसी नौसेना के पास वर्तमान में तीन बोरेई श्रेणी की सबमरीन सेवा में हैं। एक अन्य का परीक्षण पूरा हो रहा है और तीन अन्य निर्माणाधीन हैं।

क्या है बुलवा मिसाइल की खासियत

बोरेई क्लास पनडुब्बी 16 बुलवा मिसाइल और आधुनिक टारपीडो हथियार से लैस है। रूसी न्यूज एजेंसी टास ने कहा कि पुतिन ने दिसंबर में इम्पीरेटर अलेक्जेंटर 3 पनडुब्बी लॉन्चिंग के समारोह में हिस्सा लिया था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक नौसेना के पास बोरेई क्लास की तीन परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बियां हैं। एक का परीक्षण पूरा हो गया है। तीन अभी निर्माणाधीन हैं। बुलवा मिसाइल की बात करें तो यह 12 मीटर लंबी है, जिसकी रेंज लगभग 8000 किमी है। यह अपने साथ 6 न्यूक्लियर हथियार ले जा सकती है। रूसी नौसेना की यह एक बड़ी ताकत है। (एएमएपी)