रूस-यूक्रेन युद्ध 24 फरवरी को एक साल पूरा करने वाला है। ताकतवर रूस को यूक्रेन भले ही जोरदार जवाब नहीं दे पा रहा है, लेकिन मजबूती से टिका जरूर है। उम्मीद से लंबे खिंच रहे इस युद्ध में रूस को झटके पर झटके लगे हैं, लेकिन घरेलू राजनीति में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की छवि पर कोई असर नजर नहीं आता, बल्कि वह और ताकतवर बनकर ही उभरे हैं।
राष्ट्रपति पुतिन को जिस शिकायत, मोह और साम्राज्यवादी मानसिकता ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए प्रेरित किया था, वह अब रूस के लोगों के जीवन में गहराई तक उतर गया है। रूस में पुतिन का कहीं विरोध नहीं हो रहा है, बल्कि लोग उनका समर्थन ही कर रहे हैं।
रूस में पहले युद्ध का विरोध, अब राष्ट्रवाद मुखर
यूक्रेन युद्ध के शुरुआती दिनों में दबे शब्दों में पुतिन का विरोध देखा गया था। मानवाधिकार कार्यकर्ता और उदारवादी उनके खिलाफ खड़े होते रहे थे और थियेटरों में युद्ध विरोधी नाटकों का मंचन भी होता था, लेकिन एक साल गुजरते-गुजरते उदारवादी गायब हैं और राष्ट्रवादी मुखर हो गए हैं। अतिरूढ़िवादी कारोबारी दिग्गज कॉन्स्टेंटिन मालोफेयव कहते हैं, रूस में उदारवाद हमेशा के लिए खत्म हो गया, ईश्वर का धन्यवाद। वह आगे कहते हैं, यह युद्ध जितना लंबा चलता है, उतना ही रूसी समाज खुद को उदारवाद और पश्चिमी जहर से मुक्त कर रहा है। मालोफेयव पश्चिमी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगवावादियों को वित्तीय मदद देते रहे हैं और वह रूस में पश्चिम के प्रभाव से मुक्त पारंपरिक मूल्यों की स्थापन का आह्वान कर चुके हैं।
सैनिकों के लिए कैंडल बना रहे हैं बच्चे
बच्चों को सड़क किनारे से डिब्बे एकत्र कर सैनिकों के लिए कैंडल यानी मोमबत्तियां बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह राष्ट्रव्यापी अभियान इतना लोकप्रिय हुआ है कि अगर स्कूल के चैट ग्रुप में इस पर कोई सवाल उठाता है तो उसे तुरंत नाजी या पश्चिम का सहयोगी करार दे दिया जाता है।
लोगों के लिए कुछ नहीं बदला
साइबेरियाई शहर नोवोसिबिर्स्क में एक हाई स्कूल चलाने वाले सर्गेई चेर्निशोव तल्ख टिप्पणी में कहते हैं, लोगों के लिए कुछ नहीं बदला है। शहरी क्षेत्रों में लोग उसी तरह रेस्तरां और कंसर्ट में जा रहे हैं। उनके छात्र के जीवन पर कोई असर नहीं नजर आता और वे पहले की तरह अपने दोस्तों के साथ मौजमस्ती करते हैं। युद्ध को एक तरह से किनारे में धकेल दिया गया है।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का आखिरी केंद्र भी बंद
बुधवार को मास्को के व्यस्त गार्डन रिंग रोड पर स्थित सखारोव सेंटर में बड़ी संख्या में उदारवादी और मानवाधिकार कार्यकर्ता जमा हुए थे। वह आखिरी बार वहां एकत्र हुए थे, क्योंकि एक कानून के तहत इस केंद्र को बंद कर दिया गया है।
बच्चों को मनमाफिक तस्वीर दिखाई जा रही
युद्ध को लेकर पुतिन के विचार को बच्चों के सामने पेश किया जा रहा है। ऐसा दिखाया जा रहा है कि यूक्रेनी सेना ने रूसियों के खिलाफ नरसंहार किया है। विक्टोरी म्यूजियम में नेटोजिज्म के नाम से प्रदर्शनी चलती है। इसमें नाटो को वर्चस्ववादी सैन्य संगठन के रूप में पेश किया जाता है।(एएमएपी)