आचार्य स्वामी महामंडलेश्वर कैलाशानन्द गिरि जी देंगे दीक्षा

भारतीय सनातन धर्म का विदेशों में भी डंका बज रहा है। बड़ी संख्या में विदेशी सनातन संस्कृति को अपना रहे हैं। मन की शांति के लिए धर्मनगरी हरिद्वार आनेवाले श्रद्धालुओं में विदेशी भी होते हैं। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलशानंद गिरी से सनातन परंपरा की दीक्षा लेने 90 अमेरिकी हरिद्वार पहुंचे हैं। हरिद्वार की धरती पर पहुंचने के बाद अमेरिकी नागरिकों का साधु संतों ने भव्य स्वागत किया।बता दें कि 90 लोगों का जत्था महर्षि व्यासानंद महाराज के नेतृत्व में अमेरिका से आया है। श्री दक्षिण काली मंदिर में अमेरिकी नागरिकों को भारतीय संस्कृति और परंपरा की शिक्षा दी गई है। गौरतलब है कि भारत आकर सनान धर्म को स्वीकार करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होते ही जा रहा है। जिसके पीछे की वजह है “सर्वे भवन्तु सुखिनः” का भाव। और इसी भाव के चलते मन की शांति हेतु लोग भारत की विभिन्न धर्म नगरों में आकार साधना कर रहे है।

मकर संक्रांति पर लेंगे दीक्षा

मकर संक्रांति के दिन 15 जनवरी को आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि सभी विदेशियों को सनातन परंपरा की दीक्षा देंगे। उन्होंने बताया कि अमेरिका से 90 लोगों का जत्था महर्षि व्यासानंद महाराज के नेतृत्व में सनातन परंपरा का यज्ञ, ध्यान और पूजन सीखने आया है। हरिद्वार पहुंचकर इन लोगों ने बुधवार को साधु संतों के साथ ध्यान और गंगा पूजन भी किया।

आचार्य महामंडलेश्वर कैलशानंद गिरी बनाएंगे हिंदू

आचार्य स्वामी महामंडलेश्वर कैलाशानन्द गिरि महाराज ने कहा कि आज भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का विदेश की धरती पर डंका बज रहा है। विदेशी लोगों में बड़ी तेजी से भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा को जानने और समझने की जिज्ञासा बढ़ी है। वर्तमान में 90 अमेरिकी नागरिकों का जथ्ता सनातन धर्म को अपनाने आया हुआ है। 15 जनवरी को सनातन धर्म की दीक्षा दिलाई जाएगी। हमारी कोशिश है कि पूरे विश्व में सनातन परंपरा को पहुंचाया जाए।

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आत्मिक शांति के लिए आते हैं हरिद्वार

बता दें कि तीर्थ स्थल होने की वजह से देश-विदेश के लाखों लोग भगवान का दर्शन करने हरिद्वार पहुंचते हैं। हरिद्वार पहुंचने के बाद श्रद्धालु मां गंगा में स्नान कर पाप से मुक्ति पाते हैं। आत्मिक शांति के लिए लोग हरिद्वार जाना पसंद करते हैं।(एएमएपी)