चीन में बढ़ी पाबंदियां तो प्रभावित होगी सप्लाई चेन
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम से लेकर आर्गनिक केमिकल्स, थोक दवाएं और मेडिकल उपकरण भी चीन से खरीदता है। अगर कोरोना के चलते चीन में पाबंदियां बढ़ीं तो सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ेगा।
चीन से ये सामान आयात करता है भारत
चीन से भारत में आने वाली सबसे महत्वपूर्ण चीजों में इलेक्ट्रॉनिक सामान के अलावा न्यूक्लियर रिएक्टर्स, बॉयलर, ऑर्गनिक केमिकल, प्लास्टिक के सामान, फर्टिलाइजर्स, ऑटो पार्ट्स, केमिकल उपकरण, आयरन एंड स्टील और एल्युमिनियम शामिल हैं। इसके अलावा भारत चीन से बड़े पैमाने पर स्मार्टफोन, टीवी किट, डिस्प्ले बोर्ड, मेमोरी कार्ड, लैपटॉप, पेन ड्राइव और एलईडी बोर्ड आदि भी खरीदता है। इसके साथ ही मेडिकल सेक्टर की निर्भरता भी चीन पर बहुत ज्यादा है। चीन से सस्ते मेडिकल और ओटी उपकरण बड़ी संख्या में खरीदे जाते हैं।
भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए आता है कच्चा माल
भारत में चीन से जो आर्गेनिक केमिकल्स आते हैं, उनमें दवाएं तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले कच्चा माल भी शामिल है। अगर इनकी सप्लाई प्रभावित होती है, तो भारत की कई फार्मा कंपनियों जैसे सन फार्मास्युटिकल्स, ग्लेनमार्क, डॉ. रेड्डीज लैब, मैनकाइंड फार्मा की मुसीबतें बढ़ सकती है। कच्चा माल न मिल पाने की वजह से देश में भी दवाओं के संकट के साथ ये महंगी हो सकती हैं।
चीन में 24 घंटे में आए 3030 केस
दुनियाभर को कोरोना जैसी घातक महामारी के संकट में धकेलने वाला चीन इन दिनों खुद इससे जूझ रहा है। हालांकि, बावजूद इसके चीन अब भी सही आंकड़े उपलब्ध नहीं करा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के ऑफिशियल आंकड़ों के मुताबिक, वहां बुधवार को 3,030 नए केस मिले हैं। जबकि बीते 24 घंटे में दुनियाभर में 5.37 लाख केस सामने आए हैं। बता दें कि चीन में इन दिनों कोरोना विस्फोट के लिए ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BF7 जिम्मेदार है। भारत में भी अब तक इस वैरिएंट के 4 मरीज मिल चुके हैं। (एएमएपी)