पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ दुष्कर्म और उत्पीड़न को लेकर देशभर में रोष व्याप्त है । इन सब के बीच खबर है कि अब राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी के बाहुबली नेता शाहजहां शेख के करीबी के खिलाफ एक और रेप केस दर्ज हुआ है। शेख के करीबी और टीएमसी नेता शिवप्रसाद हाजरा उर्फ शिबू को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। बशीरहाट महकमा अदालत में शिकायतकर्ता का बयान लिया गया। इससे पहले शिबू के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। इस बार कोर्ट में दूसरी शिकायत दर्ज करायी गयी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह नई शिकायत शिबू समेत तीन लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है।शिबू हाजरा संदेशखाली-2 ब्लॉक के तृणमूल अध्यक्ष था। उसे पिछले शनिवार को न्याजात थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। स्थानीय महिलाओं ने उस पर वर्षों तक दुष्कर्म करने के आरोप लगाए हैं। वहीं टीएमसी नेता शाहजहां अभी भी फरार है। पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है। बताया जा रहा है कि संदेशखाली की रहने वाली महिला ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा से मिलने के बाद टीएमसी नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। संदेशखाली पुलिस स्टेशन में ताजा मामला दर्ज कराया गया है। हाल ही में शर्मा संदेशखाली पहुंचीं थीं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग की थी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शाहजहां की गिरफ्तारी नहीं होने पर जताई हैरानी
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को संदेशखाली के आपराधिक छवि के नेता से एक शाहजहां की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर हैरानी जताई। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को बंगाल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बहुत कुछ संदिग्ध लग रहा है। खंडपीठ ने कहा, ”यह काफी आश्चर्य की बात है कि जिस व्यक्ति को इस समस्या का मूल कारण बताया जा रहा है उसे अभी भी पकड़ा नहीं जा सका है और वह कानून तोड़कर भागा हुआ है।”
#WATCH | A woman staying in West Bengal’s Sandeshkhali says, “…It is becoming very risky to live here…Uttam Sardar and Shibu Hazra have been arrested but they have not been punished yet. Both of them along with Shahjahan Sheikh should be punished… We want to live with… pic.twitter.com/RYdOWY54WS
— ANI (@ANI) February 19, 2024
पीठ ने कहा कि अदालत को नहीं पता कि उसे संरक्षण प्राप्त है या नहीं, तथ्य यह है कि उसे पकड़ा नहीं गया है। एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, ”इसका मतलब यह हो सकता है कि राज्य के पुलिस तंत्र के पास उसे पकड़ने के साधन नहीं हैं या (वह) राज्य पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।” खंडपीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा रॉय की एकल पीठ ने 12 फरवरी को बंदूक के बल पर यौन उत्पीड़न और वनवासी भूमि को जबरन छीनने के आरोपों पर स्वत: संज्ञान लिया था। खंडपीठ ने कहा था कि अदालत इस तथ्य पर न्यायिक संज्ञान ले सकती है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पांच जनवरी को संदेशखाली में उत्तर 24 परगना जिला परिषद के प्रमुख तृणमूल नेता शाहजहां शेख के परिसर की तलाशी लेने के बाद समस्या उत्पन्न हुई। इसमें कहा गया कि राज्य पुलिस शाहजहां को गिरफ्तार नहीं कर पाई है जबकि उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। उस पर आरोप है कि जब ईडी के अधिकारियों ने तलाशी अभियान चलाया तो उन पर हमला किया गया था।
बंगाल में लगे राष्ट्रपति शासन : विश्व हिंदू परिषद
विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने बुधवार को कहा कि संदेशखाली की बर्बरता और उसको मिले राज्य सरकार के संरक्षण, समर्थन और प्रश्रय ने स्पष्ट कर दिया है कि वहां अब संविधान का नहीं, अराजकता व बर्बरता का साम्राज्य है। इसलिए पीड़ितों को न्याय तथा अराजकता पर अंकुश के लिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
जांच में सामने आए हृदयविदारक तथ्य
आलोक कुमार ने कहा कि जांच में हृदयविदारक तथ्य सामने आए हैं। पता चला कि शेख शाहजहां का संदेशखाली में राज चलता है, पुलिस या सरकार का नहीं। वह जबरन लोगों की जमीनों पर कब्जा करता है जिसका लोगों के पास कोई रास्ता नहीं होता। महिला आयोग व इसकी अध्यक्ष ने इस विषय की स्वयं जांच की है। वहां के हाई कोर्ट ने भी इस विषय की जांच की है और जांच के बाद यह सामने आया कि शाहजहां और उसके समर्थकों को वहां की महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और बलात्कार की खुली छूट थी। स्थिति इतनी भयावह थी कि पीड़ितों की एफआईआर तक दर्ज नहीं होती थी। यहां तक स्थिति यह हो गई थी कि उन लोगों को यदि कोई लड़की पसंद आती थी तो वह उस लड़की के परिवार को संदेश भेजते थे कि उस लड़की को पार्टी ऑफिस छोड़ जाओ। आतंक का मारा वह परिवार अपनी उस लड़की को वहां उनके पास छोड़ने जाता और अगला संदेश मिलने पर वापस लाता था।
पश्चिम बंगाल में ममता के राज में हिन्दू आस्था पर लगातार पहुंच रही चोट
संविधान के अनुसार राज्य को चला पा रही ममता सरकार
उन्होंने कहा कि महिला आयोग की अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें महिला यौन शोषण से संबंधित 18 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से दो शिकायतें बलात्कार की हैं। विहिप नेता ने कहा कि यह समय है कि ममता बनर्जी इस पर विचार करें कि क्या वहां कानून का शासन चल रहा है। क्या वहां की सरकार संविधान के अनुसार राज्य को चला पा रही है। आरोप इतने गंभीर हैं कि यह विचार करने का समय आ गया है कि बंगाल में अब राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए। (एएमएपी)