हिन्दू स्वयंसेवक संघ, अमेरिका के संघचालक प्रोफेसर वेद प्रकाश नंदा का नववर्ष के पहले ही दिन निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। अमेरिका के डेनवर स्थित अपने घर में 1 जनवरी, 2024 की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। प्रोफेसर नंदा अमेरिका में हिन्दू स्वयंसेवक संघ के प्रमुख होने के साथ ही अनेक स्वयंसेवक संस्थाओं के लिए एक मजबूत स्तंभ थे।अविभाजित भारत के गुजरांवाला (अब पाकिस्तान में) में 1934 में जन्मे प्रोफेसर नंदा और उनके परिवार को विभाजन की भीषण त्रासदी को सहन करना पड़ा और उसके बाद पंजाब में एक शरणार्थी के तौर पर भी बहुत कठिन जीवन व्यतीत किया। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से एमए अर्थशास्त्र, दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री और नॉर्थ वेस्टर्न विश्वविद्यालय से एलएलएम करने के बाद अमेरिका में येल विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करके एक अनुकरणीय करियर बनाया। 1972 से डेनवर विश्वविद्यालय के स्टर्म कॉलेज ऑफ लॉ में एक सफल अंतरराष्ट्रीय कानून प्रोफेसर रहे।
प्रोफेसर नंदा वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन के मानद अध्यक्ष, अमेरिकन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ के पूर्व मानद उपाध्यक्ष भी थे। वे यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन राइट्स की सलाहकार परिषद के सदस्य रहे। अंतरराष्ट्रीय कानून के विभिन्न क्षेत्रों में 24 पुस्तकों के लेखक या सह-लेखक होने के कारण उन्हें व्यापक रूप से प्रकाशित किया गया था। वह डेनवर पोस्ट के नियमित स्तंभकार थे और मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों सहित कई विषयों पर लिखते थे। 2006 में डेनवर विश्वविद्यालय के स्टर्म कॉलेज ऑफ लॉ के पूर्व छात्रों ने उनके सम्मान में वेद नंदा सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड कम्पेरेटिव लॉ की स्थापना की। उन्हें 2004 में सामुदायिक शांति निर्माण के लिए गांधी-किंग-इकेदा पुरस्कार और 2018 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण सहित कई पुरस्कार भी मिले।
Deeply anguished by the demise of Prof. Ved Prakash Nanda Ji, an internationally acclaimed legal scholar. The illustrious career of Nanda Ji was shaped by his academic rigor and profound commitment to legal education. A prominent member of our diaspora in the US, Prof Nanda Ji…
— Amit Shah (@AmitShah) January 2, 2024
भारत विभाजन से पूर्व ही संघ के संपर्क में आए प्रोफेसर नंदा ने हिंदू धर्म के संरक्षण और अमेरिका में हिंदुओं को एकजुट करने को अपने जीवन का मकसद बनाया था। उन्होंने अमेरिका में पहली संघ की शाखा 1961 में शिकागो विश्वविद्यालय में शुरू की। 2001 से हिन्दू स्वयंसेवक संघ के संघचालक (अध्यक्ष) बनने के बाद प्रोफेसर नंदा ने स्वयंसेवकों से मिलने, उनका मार्गदर्शन करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए लगातार पूरे अमेरिका की यात्रा की। उन्होंने विभिन्न हिंदू-अमेरिकी मुद्दों के लिए समाज की राय अमेरिका के उच्च राजनेताओं तक पहुंचाने की पहल की। उन्होंने अमेरिका के हिंदू विश्वविद्यालय के बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। वह कोलोराडो के हिंदू मंदिर में न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष थे और कोलोराडो में अंतरधार्मिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहे।
प्रोफेसर नंदा अपने पीछे बेटी अंजलि, दामाद, पोतियों के साथ ही हिन्दू स्वयंसेवक संघ का एक विस्तारित परिवार छोड़ गए हैं। हिन्दू स्वयंसेवक संघ ने प्रोफेसर वेद नंदा के प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए शोक संदेश में कहा है कि हम उनके परिवार और परिचितों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा दिव्य प्रकाश में लीन हो जाए।(एएमएपी)