उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आमंत्रण भेजा है। ट्रस्ट ने बताया है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। उसमें नवनिर्मित गर्भ गृह में 22 जनवरी को रामलला विराजमान होंगे। इस निमित्त 14 जनवरी से 22 जनवरी तक अनुष्ठान भी चलेगा। इससे पूर्व संघ के कार्यकर्ता घर-घर जाकर एक चित्र लोगों को देंगे और उन्हें रामलला के दर्शन के लिए आमंत्रित करेंगे।
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संघ के सरकार्यवाह ने बताया कि संघ के शताब्दी वर्ष पर समाज परिवर्तन के पांच संकल्प लिए गए हैं। कार्यकारी मंडल की बैठक में इन पर भी विचार किया गया है। इसमें सामाजिक समरसता अर्थात सभी प्रकार के भेदभाव से मुक्त हिंदू समाज, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी जीवन शैली और नागरिक कर्तव्य शामिल हैं। संघ के कार्यकर्ता कार्यकर्ता इसके लिए समाज के साथ मिलकर इन विषयों पर काम करेंगे।
उन्होंने बताया कि संघ हर वर्ष कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए 21 दिन और नागपुर में 25 दिन का वर्ग लगाता है। वर्तमान परिस्थितियों को देखकर अब संघ के वर्ग में बदलाव किया जा रहा है। इसमें शारीरिक बौद्धिक के अलावा कुछ व्यवहारिक ज्ञान शामिल करने, आयु के अनुसार वर्ग लगाने और विषय अनुसार वर्ग लगाने पर विचार चल रहा है। कार्यकारी मंडल में इसको लेकर भी चर्चा हुई। (एएमएपी)