बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहे पड़ोसी देश को अब झटके पर झटका मिल रहा है। आईएमएफ के बाद अब उसके करीबी देशों ने भी उसे दो टूक जवाब दिया है। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तान से कहा है कि वह कश्मीर मुद्दे पर दिमाग ना खपाए और भारत से दोस्ती करके इस विवाद को खत्म कर दे। यूएई और सऊदी अरब दोनों ने ही पाकिस्तान को सलाह दी है कि अब वह कश्मीर के मुद्दे पर शांत हो जाए। बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि वह पीएम मोदी को संदेश देना चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच शांति स्थापित हो। लेकिन बाद में पीएमओ की तरफ से फिर से कहा गया कि कश्मीर मे अनुच्छेद 370 बहाल होने के बाद ही बातचीत की गुंजाइश है।सऊदी अरब इस बात को समझ गया है कि पाकिस्तान अपनी माली हालत को सुधारने के बजाय सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए कश्मीर राग अलापता रहता है। वह दुनिया के हर मंच पर विकास की बात करने की जगह इसी मुद्दे को रखता है। ऐसे में सऊदी अरब ने अपने हाथ खींच लिए हैं। वहीं यूएई ने पाक की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए कश्मीर में निवेश का फैसला कर लिया है। बात करें ओआईसी की तो वह सऊदी अरब के इशारे पर ही चलता है। ऐसे में ओआईसी के सदस्य देश भी शांत हैं।
पाकिस्तानी मीडिया में भी इस बात को लेकर काफी चर्चा है। पाकिस्तानी मीडिया का भी कहना है कि भारत के साथ साऊदी अरब और यूएई के आर्थिक संबंध काफी मजबूत हो गए हैं। वहीं सऊदी अरब और यूएई भी तेल के अतिरिक्त साधन से अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में लगे हैं। भारत एक बड़ा बाजार है ऐसे में अगर भारत के द्वारा उनके लिए खुलते हैं तो वे फायदे में रहेंगे। दावा यह भी किया गया कि इमरान खान के कार्यकाल में भारत के साथ पाकिस्तान की बात होने ही वाली थी। पूर्व सेना प्रमुख बाजवा इसके लिए तैयार भी हो गए थे लेकिन फिर इमरान खान ने ही अपने कदम पीछे खींच लिए। (एएमएपी)