यूक्रेन पर रूसी हमले के सवा साल से अधिक बीतने के बाद भी दोनों देशों की आक्रामकता बनी हुई है। यूक्रेन की निप्रो नदी पर बने कखोव्का बांध नष्ट होने से भीषण बाढ़ आ गयी है। यूक्रेन ने रूस पर यह बांध उड़ाने का आरोप लगाया है।यूक्रेन ने रूस पर प्रमुख परमाणु संयत्र के पास स्थित कखोव्का बांध को विस्फोट से उड़ाने का आरोप लगाया है। यूक्रेन ने कहा है कि बांध के टूटने से युद्ध क्षेत्र में बाढ़ का पानी फैल गया है। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बांध उड़ाए जाने के बाद यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा व रक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है। रूस ने बांध उड़ाने का आरोपों को खारिज करते हुए यूक्रेन को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।

यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि रूस ने हजारों नागरिकों को खतरे में डालते हुए कखोव्का बांध को नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक जघन्य युद्ध अपराध है। यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा है कि अगले पांच घंटों में पानी गंभीर स्तर तक पहुंच सकता है। क्षेत्रीय गवर्नर ऑलेक्जेंडर प्रोकुडिन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि पांच घंटे में पानी गंभीर स्तर तक पहुंच जाएगा। निप्रो के पश्चिमी तट पर दस गाँव और खेरसॉन शहर का एक हिस्सा बाढ़ के खतरे का सामना कर रहा है और लोगों से निकासी की तैयारी करने का आग्रह किया गया है।

सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में विस्फोट से प्रभावित बांध को दिखाया गया है और तेजी से पानी के बहाव को दिखाया गया है। 2014 में मास्को ने इस बांध पर कब्जा कर लिया था, किन्तु 2022 के अंत में यूक्रेनी सेना ने इसे रूस से वापस ले लिया था। इस बांध से क्रीमिया प्रायद्वीप को पानी की आपूर्ति होती है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कहा है कि बांध को नष्ट किए जाने से परमाणु संयंत्र में कोई जोखिम सामने नहीं आया है। वैसे इस स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है।(एएमएपी)