पाकिस्तान में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बनेंगे। वहीं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-चेयरमैन आसिफ जरदारी पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति होंगे। कई दिनों की बातचीत के बाद दोनों दलों के बीच सरकार गठन को लेकर समझौता हो गया है। भुट्टो-जरदारी ने कहा, “पीपीपी और पीएमएल-एन ने जरूरी संख्या हासिल कर ली है और अब हम सरकार बनाने की स्थिति में हैं।”दरअसल, मंगलवार की देर रात संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने गठबंधन सरकार के गठन को लेकर दोनों दलों में हुए करार की घोषणा की। पीपीपी और पीएमएल-एन ने आवश्यक संख्या हासिल कर ली है। अब हम सरकार बनाने की स्थिति में हैं। यह घोषणा सोमवार को दोनों दलों के नेताओं के बीच नवीनतम दौर की बातचीत बेनतीजा समाप्त होने के एक दिन बाद आई है।

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी समर्थित उम्मीदवारों और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के चुनावों में बहुमत हासिल करने में विफल रहने के बाद नई सरकार बनाने का फॉर्मूला सामने आया है। मीडिया को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि वार्ता के सकारात्मक निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए दोनों पक्षों के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने दोनों पार्टियों के बीच एकता और सरकार बनाने की उनकी क्षमता पर जोर दिया।

हमारे पास सरकार बनाने पर्याप्त संख्या : शहबाज

पीएमएल-एन के नेता शहबाज ने कहा कि ”हमारे पास अगली सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या है।” उन्होंने बिलावल और जरदारी को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। शहबाज ने भी कहा कि दोनों पार्टियों ने फैसला किया है कि जरदारी को राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि मंत्रालयों पर निर्णय पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ और पीपीपी के शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में बाद में लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि चुनाव में पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों ने सबसे अधिक नेशनल असेंबली की 92 सीट हासिल की हैं। पीएमएल-एन को 79 और पीपीपी को 54 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।

8 फरवरी को हुए थे चुनाव

आपको बता दें कि दोनों पक्षों को 8 फरवरी को हुए चुनाव में मिले खंडित जनादेश के बाद सत्ता-साझाकरण व्यवस्था पर आम सहमति तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ा। पीएमएल-एन ने 75 सीटें हासिल कीं वहीं, पीपीपी 54 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) अपनी 17 सीटों के साथ उनका समर्थन करने पर सहमत हो गई है।  गौरतलब है कि इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद शहबाज पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री बने थे और अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक देश की बागडोर संभाली थी। वे पीपीपी के समर्थन से सरकार में आए थे।

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इमरान बहुमत जुटाने में असफल रहे

बिलावल ने आगे कहा, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी समर्थित उम्मीदवार और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) केंद्र में सरकार बनाने के लिए संसद में साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रही है। बिलावल ने उम्मीद जताई कि गठबंधन सरकार बनाने के लिए पीएमएल-एन के साथ राजनीतिक गठबंधन की खबर से बाजार में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी। फिलहाल, पाकिस्तान इस समय नकदी संकट से जूझ रहा है।

पिता को राष्ट्रपति बनते देखना चाहते हैं

इससे पहले बिलावल ने एक बयान में कहा था, वो अपने पिता आसिफ अली जरदारी (68 साल) को एक बार फिर राष्ट्रपति बनते देखना चाहेंगे। दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति जरदारी 2008 से 2013 तक राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्होंने कहा, मैं यह इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि वे मेरे पिता हैं। मैं यह इसलिए कह रहा हूं क्योंकि देश इस समय भारी संकट में है और अगर किसी के पास इस आग को बुझाने की क्षमता है तो वो आसिफ अली जरदारी हैं।  (एएमएपी)